यहां जाने कोनसा सोलर पैनल रहेगा आपके घर के लिए बेस्ट जो भविष्य में देगा आपको अच्छी बिजली

Saroj Kanwar
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सूरज एक नेचुरल एनर्जी का सोर्स है जो अबन्डेन्ट अमाउंट में अवेलेबल है। सूर्य से एनर्जी फोटोन के रूप में निकलती है। जिसे सोलर पैनल का उपयोग करके इलेक्ट्रिक एनर्जी का कन्वर्ट किया जाए। सोलर पैनल बिना किसी प्रदूषण की सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में कन्वर्ट करते हैं जिससे प्रोडक्शन का एनवायरमेंटल फ्रेंडली तरीका बन जाता है कई कंस्टमर अपने सोलर प्लांट में अवेलेबल कई टाइप को बिना सोचे समझे लगाते हैं जिससे अक्सर सब ऑप्टिमल इंस्टॉलेशन और फाइनेंशियल लॉस हो सकता है। ऐसे में बात करेंगे सोलर पैनल टाइप के बारे में और जानेंगे की उनकी एफिशिएंसी की कोस्ट और बताएंगे कौन सा पैनल आपके लिए सही है।

पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल

पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का कई सिलिकॉन क्रिस्टल पैनल से बने होते हैं और आमतौर पर ब्लू कलर के होते हैं। मोनो क्रिस्टललाइन की की तुलना में मैन्यूफैक्चरिंग आसान होती है जिसके कारण इनकी कॉस्ट काफी कम होती है। कई क्रिस्टल की प्रजेंस के कारण उनकी एफिशिएंसी भी काफी कम होती है। यह पैनल 16 17% के एफिशिएंसी डिलीवर करते हैं और बादल वाले मौसम में अच्छा परफॉर्मेंस नहीं डिलीवर करते हैं। यह पैनल बहुत ज्यादा हॉट एंड एनवायरमेंट भी खराब हो सकते हैं।
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल अपने ईजी मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस के कारण कम कीमत में अवेलेबल होते हैं।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की सिंगल क्रिस्टल सोलर पैनल भी कहा जाता है। यह पैनल पूरे सिलिकॉन से बने होते हैं जिससे उनका रंग ब्लैक या डार्क ब्लू होता है। इन पैनलों नों में सोलर सेल वेफर से काटे जाते हैं और यह सेल गोल होते हैं एक कटी हुई होते हैं। मोनोक्रिस्टलाइन पैनल अपने प्योर सिलिकॉन कंस्ट्रक्शन के कारण अपनी हाई एफिशिएंसी के लिए जाने जाते हैं । यह पैनल अपनी एफिशिएंसी के लिए मशहूर है और लगभग 22% की एफिशिएंसी ऑफर करते हैं । मोनोक्रिस्टलाइन पैनल बदल वाले मौसम में भी अच्छी परफॉर्मेंस डिलीवर करते हैं और हाई टेंपरेचर भी अच्छी एफिशिएंसी डिलीवर करते हैं। इस टाइप की सोलर पैनल पॉलीक्रिस्टॉल पैनलों से महंगे होते हैं। अपनी काम्प्लेक्स मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस की वजह से।

बाई फेशियल सोलर पैनल

बाई फेशियल सोलर पैनल सबसे एडवांस टाइप के सोलर प्रोडक्ट होता है जो दोनों तरफ से सूरज की लेत अब्जॉर्व करने में सक्षम है जिसके कारण 10 से 30 परसेंट तक बिजली प्रोडक्शन होता है। ये काफी एफिशिएंट होते है और काफी छोटी जगहों में इंस्टॉल किया जा सकते हैं। यह पैनल अपनी हाई एफिशिएंसी के लिए जाने जाते हैं और लगभग 27 से 30% की एफिशिएंसी डिलीवर करते हैं। यह पहले सबसे ज्यादा महंगे होते है और बाजार में आसानी से नहीं मिलते है।

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