जीवाश्म ईंधन का प्रयोग करके पर्यावरण प्रदूषित होता है जिसमें जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या देखी जा रही है। भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है नई तकनीक का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा किया जाए। सोलर एनर्जी का भविष्य ऊर्जा कहते हैं। सोलर पैनल का प्रयोग करके बिजली बिल को कम किया जा सकता है। ये ह पैनल सौर ऊर्जा से बिजली जनरेट करते है।
टाटा भारत की एक जाने मानी कंपनी है
टाटा भारत की एक जाने मानी कंपनी है जिनके द्वारा सोलरकम्पनी पैनल पर 25 साल की वारंटी यूजर को प्रदान की जाती है। कंपनी द्वारा अलग-अलग क्षमता के सोलर पैनल का निर्माण किया जाता है । 6 kw के सोलर पैनल हर दिन उचित धूप प्राप्त करने के बाद 30 यूनिट तक बिजली जनरेट करते हैं। मुख्यतः यूजर ऑनग्रिड, ऑफग्रिड एवं हाइब्रिड प्रकार से इंस्टॉल कर सकते हैं। कंपनी द्वारा मुख्यतः पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन प्रकार के सोलर पैनल बनाए जाते हैं। इन सोलर पैनल को आप अपनी जरूरत के अनुसार लगा सकते हैं। सिस्टम में इंवर्टर का प्रयोग कर के DC को AC में बदला जाता है।
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में पैनल से बनने वाले बिजली को ग्रेड के साथ शेयर किया जाता है
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में पैनल से बनने वाले बिजली को ग्रेड के साथ शेयर किया जाता है ग्रिड की बिजली का प्रयोग ही सोलर सिस्टम में किया जाता है। शेयर होने वाली बिजली की गणना करने के लिए सिस्टम में नेट मीटरिंग की जाती है। इस सोलर सिस्टम को लगाने में लगभग ₹300000 तक का खर्चा हो सकता है। 6 किलो वाट की सोलर सिस्टम बराबर 78000 रूपये की सब्सिडी दी जाती। इस सोलर सिस्टम में बैटरी को पावर सोर्स की तरह यूज करते हैं जिन्हें जरूरत के हिसाब से लगाया जाता है। ज्यादा पावर कट जाने कट वाले क्षेत्र में यह सिस्टम सूटेबल है।
यह सोलर सिस्टम इलेक्ट्रिक ग्रिड पर डिपेंडेंसी कोकम करता है
यह सोलर सिस्टम इलेक्ट्रिक ग्रिड पर डिपेंडेंसी कोकम करता है। टाटा की 6 किलो वाट ऑफ कट सोलर सिस्टम का खर्च4.50 लाख रुपए तक हो सकता है। इसमें कम पावर बैकअप में 100Ah बैटरी और ज्यादा पावर बैकअप में 150Ah या 200Ah सोलर बैटरी यूज कर सकते हैं।
यह आधुनिक तकनीक का एडवांस सोलर सिस्टम है। इस सिस्टम में पावर बैकअप के साथ ही बिजली को ग्रिड में शेयर कर सकते हैं। यह सोलर सिस्टम लगभग 6 लाख रुपए में लगाया जा सकता है। टाटा कंपनी से सोलर सिस्टम पर लंबे समय तक परफॉर्मेंस की वारंटी भी मिलती है। अपने सोलर सिस्टम को पावरफुल बनाने में मोनो या बाईफेशियल पैनल को यूज कर सकते हैं।