कई लोगों को लगता है कि अगर वह कैश में ट्रांजेक्शन करेंगे तो इस बारे में आयकर विभाग को पता नहीं चलेगा। कुछ ऐसी ट्रांजेक्शन हैं जहां आप बहुत ज्यादा कैश इस्तेमाल करते हैं तो आपको आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है। आज हम आपको ऐसी ही 5 तरह की ट्र्रांजेक्शन के बारे में बताने जा रहे हैं। इन 5 ट्रांजेक्शन में सेविंग्स अकाउंट, एफडी, स्टॉक परचेज, क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट और और प्रॉपर्टी से संबंधित लेनदेन है।
बचत खाते में जमा
अगर एक वित्त वर्ष में किसी सेविंग्स अकाउंट में कैश डिपॉजिट 10 लाख से ऊपर जाता है तो खाताधारक के लिए मुसीबत हो सकती है। सरकार की ओर से यही लिमिट सेट की गई है। 1 अप्रैल से 31 मार्च तक सेविंग्स अकाउंट में 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश नहीं डाल सकते। अगर रकम इससे ऊपर जाती है तो बैंक सीबीडीटी को इस बारे में सूचना दे देगा।
कैश से एफडी
अगर कोई एक वित्त वर्ष के अंदर 10 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश कैश में करता है तो उसे इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिल सकता है।
स्टॉक-म्यूचुअल फंड की खरीद
अगर आप स्टॉक, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड में निवेश कैश के जरिए करते हैं तो वह भी आप 10 लाख रुपये से अधिक नहीं कर सकते।
कैश में क्रेडिट का बिल भुगतान
इस संबंध में कोई तय नियम तो नहीं है कि आप क्रेडिट कार्ड बिल का कितना भुगतान कैश में कर सकते हैं फिर भी अगर आप महीने में 1 लाख रुपये से ज्यादा का बिल पेमेंट कैश से करते हैं तो आप विभाग की नजर में आते हैं।
alsoreadHome Loan and Power of SIP : लोन पर घर लेते ही करें ये काम, जेब से नहीं देना पड़ेगा एक भी पैसा
प्रॉपर्टी से संबंधित कैश भुगतान
शहर में 50 लाख रुपये और गांव में 20 लाख रुपये या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदने पर आपको आयकर विभाग को बताना होता है कि इतने फंड का इस्तेमाल कहां हो रहा है।