डॉक्टरों की भारी कमी से सरकारी अस्पताल बेहाल, मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज

Saroj Kanwar
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Mandsaur News: सरकारी अस्पतालों में डेढ़ महीने पहले 11 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन आज तक किसी ने भी ड्यूटी ज्वॉइन नहीं की। इसके कारण इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर बंद पड़े हैं और जरूरी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं।

सरकार ने डॉक्टरों को 15 दिन में ड्यूटी पर आने के आदेश दिए थे, लेकिन किसी ने समय पर ज्वॉइन नहीं किया। शुरुआत में जनप्रतिनिधियों ने इसका खूब प्रचार किया और जगह-जगह पोस्टर लगाकर सरकार का धन्यवाद जताया, लेकिन अब मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं।

एक पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि अस्पताल के लिए जो महंगी मशीनें स्वीकृत थीं, उन्हें चुपचाप दूसरे शहर भेज दिया गया। बाद में अफसरों ने यह बात मानी और अब मशीनें वापस मंगाने की बात कही जा रही है।

सरकारी नियमों के मुताबिक, पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टरों को कुछ समय तक सरकारी अस्पतालों में सेवा देना होता है, लेकिन ज़्यादातर डॉक्टर निजी अस्पतालों में ज्यादा पैसा मिलने के कारण वहां चले जाते हैं। कुछ तो कानूनी तरीके से बच भी निकलते हैं। स्थिति ये है कि अस्पताल सिर्फ नाम के रह गए हैं और लोगों को इलाज के लिए दूसरे शहरों का रुख करना पड़ रहा है।

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