Ekadashi Vrat Niyam: एकादशी पर क्यों नहीं खाए जाते चावल? जानिए क्या है वजह!

Saroj Kanwar
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हिंदू धर्म में एकादशी का महत्वपूर्ण स्थान है। यह दिन की विशेष रूप से उपवास और भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। एकादशी के दिन लोग उपवासी रहते हैं और अक्सर यह सवाल उठता है की एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाये जाते है। इस आज हम आपको बताएंगे इस सवाल का जवाब।

हिंदू पंचांग के अनुसार महीने में दो बार आती है

एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार महीने में दो बार आती है। शुक्ल पक्ष की एकादशी वाले कृष्ण पक्ष की एकादशी। यह दिन विशेष रूप से आत्म-निर्भरता, संयम और भगवान विष्णु की भक्ति के लिए समर्पित होता है। इस दिन उपवास रखने वाले का महत्व है। क्योंकि आत्मा को शुद्ध करने और मनुष्य को भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। एकादशी के दिन चावल ना खाने की परंपरा धार्मिक मान्यता और कथाओं से जुड़ी हुई है। यहां माना जाता है कि चावल जो की अनाज मुख्य रूप से है‘राजस’ गुण से भरा होता है।

चावल का सेवन करने से इन ‘राजस’ गुणों को बढ़ावा मिल सकता है

‘राजस’ गुण मनुष्य को मोह, अहंकार और इच्छाओं के प्रति आकर्षित करता है। एकादशी का दिन भक्तों के लिए अपने मानसिक और शारीरिक नियंत्रण को मजबूत करने का अवसर है। इस दिन चावल का सेवन करने से इन ‘राजस’ गुणों को बढ़ावा मिल सकता है, जो एकादशी के दिन के उद्देश्य के विपरीत है।

हमारे शास्त्र में कहा गया की एकादशी के दिन भोजन में संयम रखना चाहिए और केवल भोजन या फलाहार करना चाहिए। महर्षि वेदव्यास के अनुसार ,एकादशी का उपवास रखने से भक्तों को विष्णु भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनके सारे पाप धुल जाते हैं चावल, जो तामसिक गुण से भरा हुआ होता है, इस दिन की पूजा के उद्देश्य से मेल नहीं खाता है।

कथा जो चावल न खाने की परंपरा को समर्थन करती है:


पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने यमराज से एक विशेष दिन में उपवास रखने की सलाह दी थी। यमराज ने भगवान से पूछा कि उपवास के दौरान क्या खाया जाए? भगवान विष्णु ने उत्तर दिया कि इस दिन केवल फल और शाकाहारी भोजन करें, लेकिन चावल नहीं खाना चाहिए। इस दिन चावल खाने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता। यही कारण है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन निषेध माना गया है।


वैज्ञानिक दृष्टिकोण


वैज्ञानिक दृष्टि से भी एकादशी के दिन उपवासी रहना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। चावल एक भारी आहार है, जो पाचन को धीमा कर सकता है। एकादशी के दिन, शरीर को विश्राम की आवश्यकता होती है, और हल्का भोजन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है, जिससे ध्यान और साधना में आसानी होती है।

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