Naag Panchami :नागपंचमी पर करे नागो के इन मंदिर में दर्शन ,एक में तो मिलता है केवल दिन में ही प्रेवश

Saroj Kanwar
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सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का त्यौहार बनाने का विधान है। इस दिन भक्तगण नाग देवता की पूजा करते है और सांपों को दूध पिलाते हैं। आज हम आपको देश भर के प्रसिद्ध नाग देवता के मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि अपनी विशेषताओं का चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं। यहां जानते हैं देश के प्रसिद्ध नाग देवता मंदिर के बारे में।

भुजंग नाग मंदिर

गुजरात की भुज नामक क्षेत्र में भुजंग नाम का एक एक नाग मंदिर है। कच्छ जिले के गांव मेंभुजंग पहाड़ पर एक नाग है इस नाग मंदिर में भुजंग नामक नाग देवता की पूजा की जाती है भुजंग नाम के नाम के नाम पर इस क्षेत्र का नाम भुज पड़ा है।

अनंतनाग (कश्मीर )

जैसे के नाम से पता चलता है कि इस जगह का नाम नाग से जरूर कोई विशेष संबंध है। इस जगह का नाम अनंतनाग सांपों की वजह से पड़ा। कथाओं के अनुसार जब भगवान शिव पार्वती से मिलने के लिए अमरनाथ की और प्रस्थान कर रहे थे स्थान पर शिव ने अपने शरीर से सभी नाग उतार दिए थे। शिव के शरीर से उतरे नागो इसी सतह पर शरण लेली और यह क्षेत्र नागों का गढ़ बन गया था। शेषनाग को ही अनंतनाग कहते हैं। शेषनाग भगवान विष्णु की सेय्या बने हुए और वासुकी शिव के गले में लपेटे हुए है।

नागचंद्रेश्वर मंदिर -उज्जैन

मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान महाकाल के मंदिर को सबसे ऊपर का मंदिर नाग महाराज को समर्पित है। यह वर्ष में एक बार नाग पंचमी कीदिन खुलता है। यह भी प्राचीन मंदिर 11वीं शताब्दी किस मंदिर में शिव पार्वती नाग पर आसीन परमारकालीन सुन्दर प्रतिमा है और छत्र के रूप में नाग का फन फैला हुआ है।

नाग मंदिर

नाग मंदिर कश्मीर के पटनीटॉप का एक प्रमुख देखने योग्य स्थान है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है तथा सभी ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है। एक विश्वास के अनुसार इस मंदिर में केवल यात्री दिन में ही प्रवेश करते हैं। यह स्थान हमेशा कोहरे में डूबा रहता है और मात्र 10 फीट की दूरी से ही देखा जा सकता है।

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