आ गए ऐसे सोलर पैनल जो रात को भी करेंगे बिजली पैदा ,यहां जाने इन सोलर पैनलों के बारे में

Saroj Kanwar
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हाल के दिनों बिजली की बढ़ती डिमांड के साथ-साथ बिजली के बिल में भी लगातार वृद्धि हो रही है। यह वृद्धि गर्मियों के दौरान विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है। इसका मुकाबला करने के बेस्ट तरीका में से एक मुफ्त सोलर एनर्जी का उपयोग करने के लिए सोलर पैनल सिस्टम लगाना। यह समझना जरूरी है कि सोलर सिस्टम कितनी बिजली पैदा कर सकता है। आज हम हम बात करेंगे ऐसे ही एडवांस सोलर टेक्नोलॉजी के बारे में जो रात में भी सोलर पैनलों के उपयोग की अनुमति देता है। यहां जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

सनलाइट की इंटेंसिटी के आधार पर उतार-चढ़ाव हो सकता है

अगर आप 4kw सोलर सिस्टम लगते हैं तो यह साफ है कि धूप वाली कंडीशन में प्रतिदिन लगभग 20 यूनिट बिजली पैदा कर सकता है। मौसम की स्थिति के साथ आउटपुट अलग-अलग होता है । बादल या बारिश वाले दिनों में बिजली का प्रोडक्शन कम होगा। भारत में 4kw सोलर सिस्टम प्रतिदिन 16 से 20 यूनिट बिजली पैदा कर सकता है। डेली आउटपुट स्पेसिफिक नहीं है और किसी भी दिन सनलाइट की इंटेंसिटी के आधार पर उतार-चढ़ाव हो सकता है।

अगर आपकी मंथली पावर कंजप्शन 400 से 600 यूनिट के बीच है और आपका बिजली बिल 4000 से 5000 के पीछे तो आपको यह 4 KW सोलर पैनल सिस्टम सूटेबल है। सोलर सिस्टम को लगाकर आप एलईडी बल्ब ,पंखे ,कूलर , टीवी ,मोबाइल चार्ज अन्य डिवाइस को बिजली दे सकते हैं जिससे आपकी बिजली के बिल में 50% से 80% तक की कमी आएगी ।

ट्रेडिशनल सोलर पैनल बिजली पैदा करने के लिए सनलाइट पर निर्भर करते हैं

ट्रेडिशनल सोलर पैनल बिजली पैदा करने के लिए सनलाइट पर निर्भर करते हैं । एक नई सोलर पैनल टेक्नोलॉजी डेवलप की गई है जो पैनलों को रात में बिजली पैदा करने की अनुमति देता है। यह इनोवेशन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों द्वारा लाया गया है जो रिन्यूएबल एनर्जी के लिए एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। इन सोलर पैनल का थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेशन की प्रिंसिपल का उपयोग करके रात में बिजली पैदा करने के लिए डिजाइन किया गया है। सोलर पैनल सेल और एम्बिएंट एयर एयर के बीच टेंपरेचर के अंतर का उपयोग करके बिजली पैदा कर सकते हैं। रात में भी सोलर सेल और एम्बिएंट एयर के बीच टेंपरेचर का अंतर होता है जिसका उपयोग बिजली प्रोडक्शन के लिए किया जाता है।

सूर्य की प्रकाश से बिजली जनरेट करते हैं

यह एडवांस सोलर पैनल रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग बढ़ाते हैं। वह कंटीन्यूअस पावर प्रदान करते हैं। दूर दराज इलाकों में जहां पावर ग्रिड एक एक्सेसिबल नहीं है। यह पैनल फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करता है और पर्यावरण प्रदूषण का कारण नहीं बनता है जिससे ये पर्यावरण के लिए लाभदायक होती और क्लीन हवा में योगदान करते हैं। इस नए सोलर पैनल की सबसे बड़ी विशेषता रात में बिजली जनरेट करने की उनकी कैपेसिटी है।यह एक स्पेशलथर्मो-रेडिएटिव टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं जो रात में पर्यावरण की गर्मी को कैप्चर करते हैं और इसे बिजली के कन्वर्ट करती है। दिन के दौरान ये पैनल ट्रेडिशनल सोलर पैनल की तरह काम करते हैं जो सूर्य की प्रकाश से बिजली जनरेट करते हैं।

इन कटाई एज सोलर पैनल के लिए डेवलपमेंट प्रोसेस अभी भी जारी है

रात में एक इंटीग्रेटेड थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेट का उपयोग करके थर्मल एनर्जी को बिजली में कन्वर्ट करते हैं जो 50 mW/m² बिजली का प्रोडक्शन कर सकता है। इन कटाई एज सोलर पैनल के लिए डेवलपमेंट प्रोसेस अभी भी जारी है जिसका गोल उन्हें और भी ज्यादा एफिशिएंट बनाना है। एक बार पूरी तरह से फंक्शनल होने के बाद यह पैनल निरंतर बिजली का रिलायबल सोर्स प्रदान करेंगे। फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करेंगे और पर्यावरण प्रदूषण को रोकेंगे। यह एडवांस सोलर पैनल ट्रेडिशनल पैनलों की तुलना में थोड़े ज्यादा महंगा होने की उम्मीद है।

लेकिन उनकी एडिशनल पावर जेनरेशन कैपेसिटी और रिलायबिलिटी ट्यून एक अच्छा इन्वेस्टमेंट बनती है। पैनल के आकार और कैपेसिटी के आधार पर लगभग 30000 से 50000 बिजली के बिलों पर लॉन्ग टर्म सेविंग से और लगातार एनर्जी प्रोडक्शन इन्वेस्टमेंट को फायदेमंद बनती है यह नए सोलर पैनल विशेष रूप से दिन के दौरान सीमित धूप वाली क्षेत्र में अक्सर खराब मौसम वाले क्षेत्र मेंउपयोगी होते हैं। वे घरों, उद्योगों और कृषि उपयोगों के लिए फायदेमंद हैं जो एक रिलाएबल और निरंतर पावर सप्लाई ऑफर करते हैं।

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