हिंदुस्तान में देवी देवताओं के साथ कई पेड़ -पौधों को भी पूजनीय माना जाता है। पूजनीय माने जाने वाले पौधों में केले का पेड़ भी शामिल है। केले के पौधे की पूजा के साथ इस पत्तों का भी पूजन का उपयोग किया जाता है । गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि केले के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का निवास है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार भी घर में कुछ पौधे को लगाना बहुत शुभ प्रभाव वाला माना गया। हालांकि आज के समय बहुत सारे लोगों के घर में जगह की कमी होती है तो ऐसे में छत पर पेड़ पौधे लगाते हैं। यहां जानते हैं केले की पेड़ को छत पर लगाना चाहिए या नहीं ।
केले के पेड़ से जुड़े वास्तु के नियम
देवी देवताओं का वास
मान्यता है की केले के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए हर गुरुवार के दिन केले की पेड़ की पूजा की जाती है।
केले के पत्ते का उपयोग
केले के पत्ते का उपयोग पूजा पाठ में किया जाता है। सत्यनारायण व्रत कथा ,विवाह और दीपावली की पूजा में केले के पत्ते की जरूरत होती है। यहां तक की भगवान को भोग लगाने के लिए केले के पत्ते का उपयोग बहुत शुभ माना जाता है।
कहाँ लगाए केले का पौधा
केले के पेड़ का छत पर नहीं लगाना चाहिए। छत पर केले का पेड़ लगाना अशुभ माना गया। छत पर केले का पेड़ लगाने से जीवन में परेशानी बढ़ सकती है। और आर्थिक हानि की आशंका होती है। केले का पेड़ पर घर के पीछे हिस्से में लगाना शुभ माना जाता है । इसे घर के अंदर जैसे आंगन में भी नहीं लगना चाहिए ।
तुलसी का पौधा
पेड़ के पास तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता केले में भगवान विष्णु का वास होता है। तुलसी के पौधे माता लक्ष्मी का वास माना जाता है। इसलिए इन पौधों को पास पास लगाना शुभ होता है। हर गुरूवार को केले की पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए और पेड़ पर हल्दी चढ़ाने के बाद घी का दिया जलाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।