मप्र में हड़ताली तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर होगी कार्रवाई, 8 दिन से राजस्व कामकाज ठप, एक्शन मोड में आई सरकार  

Saroj Kanwar
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MP News: मध्य प्रदेश राज्य में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की हड़ताल पिछले 8 दिनों से लगातार जारी है। तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की हड़ताल के चलते प्रदेश के कई जिलों में राजस्व कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। हड़ताल के चलते राज्य में राजस्व कामकाज प्रभावित होने के कारण सरकार अब तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है।

मोहन यादव सरकार ने हड़ताली तहसीलदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने तहसीलदारों की हड़ताल को अवैध भी घोषित कर दिया है। बता दें कि प्रदेश में हड़ताल के कारण आमजन को राजस्व से संबंधित कामों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

ज्ञात हो कि अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के मंदसौर सहित विभिन्न जिलों के तहसीलदार व नायब तहसीलदार पिछले आठ दिनों से हड़ताल पर हैं। जिसकी वजह से राजस्व कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कार्य न होने से से क्षेत्र के लोग परेशान हो रहे हैं। गौरतलब है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार की हड़ताल के चलते नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस सहित अन्य काम बीत आठ दिनों से नहीं हो रहे हैं।

इसके अलावा हर दिन विभिन्न प्रकरणों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं। ये सारे ही काम ठप पड़े हैं। तहसीलदार और नायब तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे प्रदेश की विभिन्न तहसीलों में राजस्व से जुड़े कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। हाल ही में गोरमी क्षेत्र में नदियों का जलस्तर बढ़ने से नदियों के आसपास मौजूद गांव में ग्रामीणों को भी काफी नुकसान हुआ था।

राज्य सरकार ने किया तहसीलदारों की हड़ताल को अवैध घोषित 

मप्र में पिछले आठ दिनों से चल रही तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की हड़ताल को लेकर मोहन यादव सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है। राज्य शासन ने तहसीलदारों की हड़ताल को अवैध घोषित कर देर रात सभी संभागायुक्तों को राजस्व विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। मप्र शासन ने ड्यूटी से गैरहाजिर तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। 

यह निर्देश राजस्व विभाग के अपर सचिव संजय कुमार की और से संभागायुक्तों और कलेक्टरों को जारी किए गए हैं। अपर सचिव द्वारा जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि तहसीलदारों के न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों को विभाजित करने का निर्णय कैबिनेट ने सरकारी योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए लिया है।

सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय के विरोध में कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित रहना अनुशासनहीनता माना जाएगा और इस निर्णय के विरोध में ड्यूटी से गैरहाजिर रहने वाले ऐसे राजस्व अधिकारियों के खिलाफ मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) अधिनियम 1965 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सरकार के निर्देशों के बावजूद भी तहसीलदार और नायक तहसीलदार अपनी मांगों को लेकर हड़ताल जारी रखे हुए हैं।

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