महंगाई कीमार से जूझ रहे आम आदमी को एक झटका लगा है। हाल ही में देश भर के मैं दूध की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली है। कई प्रमुख डेयरियां ने दूध के दाम में इजाफा किया है जिससे आम आदमी के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है जिससे रसोई का नजत बिगड़ने लगा है। यह बढ़ोतरी सीधे तोर पर उपभोक्ताओं की जेब पर असर डाल रही है जिससे आम आदमी का खर्चा चलना मुश्किल हो गया है ।
क्यों बढ़ रही हैं कीमतें?
दूध बढ़ोतरी के कारण बताये जा रहे है सबसे प्रमुख कारणों में से एक है पशुधन चारे की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा परिवहन लागत और ऊर्जा की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसका असर दूत उत्पादन बढ़ रहा है। किसानों को भी दूध उत्पादन में लागत बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते हुए भी दूध के दाम बढ़ाने के लिए मजबूर है ।
आम आदमी परअसर
दूध हर घर की एक बुनियादी जरूरत है इसमें दूध की कीमत बढ़ोतरी का सीधा असर आदमी के बजट में पड़ता है। ध्यम और निम्न वर्ग के परिवारों के लिए बढ़ोतरी में मुश्किल साबित हो रही है तो उसके साथ-साथ इससे बनने वाले अन्य उत्पादों जैसे दही ,पनीर, मक्खन की कीमत बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार इस स्थति पर नजर बनाये हुए है। हालाँकि अभी तक कीमतों को नियंत्रित करने के लिएकोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जानकारों का मानना है की सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए किसानों को राहत प्रदान करने के लिए नीतियां बनाने चाहिए ताकि दूध की कीमत की नियंत्रित किया जा सके।
आगे की राह
दूध की कीमतों में लगातार हो रही उछाल चिंता का विषय है। अगर इस पर जल्द ही काबू नहीं पाया गया, तो इसका आम आदमी के जीवन पर गंभीर असर पड़ेगा। सरकार ,डेयरी उधोग और किसानों को मिलकर समस्या का समाधान करना होगा ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके और दूध जैसी बुनियादी जरूरत की चीज आम आदमी की बहुत से बाहर ना हो। इसके लिए दीर्घकालिक नीतियों की आवश्यकता है, जो किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों की रक्षा कर सकें।