भारत के एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इस बदलाव का एक हिस्सा है ‘ओपन बुक एग्जाम’ का कॉन्सेप्ट। हाल ही में CBSE ने 9वीं से 12वीं क्लास के लिए ओपन बुक एग्जाम का एक पायलट प्रोग्राम शुरू करने का ऐलान किया है।
यह खबर छात्रों और टीचर्स दोनों के लिए ही खास है। ओपन बुक एग्जाम के तहत छात्र परीक्षा के दौरान अपनी किताबें, नोट्स या अन्य किसी स्टडी मटेरियल का इस्तेमाल कर सकेंगे।
रट्टा से छुटकारा दिलाएगा ओपन बुक एग्जाम?
दावा किया जा रहा है कि ओपन बुक एग्जाम से कुछ हद कर रट्टा से छुटकारा मिल सकता है। उनकी सोचने समझने की शक्ति बढ़ेगी। हालांकि ये तभी संभव होगा जब बच्चे उस सब्जेक्ट की पहले से तैयारी करके जाएंगे।
ओपन बुक एग्जाम से क्या-क्या दिक्कतें होंगी
एग्जाम के समय हर टीचर को एक-एक स्टूडेंट पर नजर रखनी होगी। दूसरी बात अगर आप एग्जाम में किताब या नोट्स साथ में लेकर जा रहे हैं फिर टीचर के पढ़ाने की जरूरत नहीं रह जाती।
ओपन बुक एग्जाम से बच्चों पर कैसा होगा असर
टीचर के पढ़ाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। क्लास बंक ज्यादा होंगी। बच्चे पढ़ाई पर कम मस्ती करने पर ज्यादा ध्यान देंगे।