अगर आप अपना लोन नहीं भर पाया तो घबराने की जरूरत नहीं है। आरबीआई की और उपभोक्ताओं के हक में बड़ा फैसला लिया गया है ,बैंक की मनमर्जी पर आरबीआई का नया रूल लगाम लगाएगा। RBI ने सभी बैंक को इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए है अब आपको अतिरिक्त रुपये नहीं देने पड़ेंगे।
अलग अलग देने पड़ते है चार्ज
अगर उपभोक्ता लोन नहीं भर पाता है तो बैंक की ओर से कई प्रकार के अलग-अलग चार्ज लगा दे। इन चार्जेज का सीधा असर उपभोक्ता की बकाया राशि पर जाता है जो आए दिन बढ़ती चली जाती है। ऐसे ही मामले में आरबीआई ने नए रूल का ऐलान किया है। RBI के नए Rule के तहत Bank को Loan न भरने वाले पर उसके खाते में लगाई Penalty और Byaz Daro के मामले में पारदर्शिता को सुनिश्चित करना पड़ेगा। पारदर्शिता सुनिश्चित न करने पर RBI Bank पर कार्रवाई कर सकता है।
नए रूल के तहत केवल यही चार्ज लगेगा। आरबीआई की नए रूल के अनुसार ,कर्जदार के लोन जमा न करने पर बैंकअब केवल उपभोक्ता पर पैनल चार्जेज ही लगा सकेगा। दंडात्मक चार्ज के अलावा कोई एक्स्ट्रा चार्ज फालतू की नहीं लगेंगे। उचित चार्ज ही लगाए जा सकेंगे।
RBI ने पेनल्टी नियमो को बदला
लोन खाता को लेकर आरबीआई ने पेनल्टी के नियम में बदलाव किया। इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। बैंक का पेनल्टी को अपनी इनकम बढ़ाने के तरीके से ही प्रयोग नहीं कर सकेंगे। इसमें नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थाएं भी शामिल है।
नहीं ले सकते फाइन पर ब्याज
आसान शब्दों में आरबीआई के rule को समझे तो बैंकों में बहुत लोन न भरने ईएमआई बाउंस होने पर पेनल्टी तो लगा सकता है। लेकिन उस फाइन पर ब्याज नहीं लग सकता। इसको केवल दंडात्मक कार्रवाई की तरह लिए जाएगा ,न कि आए की तरह सबसे जरिये के तहत।
कब से जारी हुआ नियम
दरअसल, RBI का यह Rule दो साल पुराना है,लेकिन उपभोक्ता इसको लेकर जागरूक नहीं है। आरबीआई की फैसले से करोड़ों उपभोक्ता लाभ ले सकते हैं। 1 जनवरी 2023 से प्रभावी हो चुका है। सभी बैंकिंग को नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थाओं को इस रूल को मानना पड़ेगा।
रूल का किसको मिलेगा फायदा
कई बार लोग मजबूरी में EMI नहीं भर पाते ऐसे आरबीआई के नए रूल से ऐसे लोगों को सीधा फायदा होगा । EMI ने चुकवाने वाले GRAHKO पर मनमानी ढंग से चुका पाने वाले उपभोक्तओं पर मनमाने ढंग से Penalty नहीं चिपकाई जा सकेगी।इसमें Penalty की सीमा भी तय कर दी गई है। इससे ग्राहक को अतिरिक्त पैसे नहीं देने पड़ेंगे। RBI का नया Rule सभी, कमर्शियल, सहकारी, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थाओं, होम Loan कंपनियों, एक्जिम बैंकों, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी, एनएबीएफआईडी सहित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों पर लागू होगा।