कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते को रोक दिया था जिससे कर्मचारियों को तीन DA क़िस्त बकाया रह गयी थी। हाल ही में लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने 18 महीने के काDA को लेकर अपना फैसला सुना दिया। सरकार ने स्पष्ट कर दिया की DA का पैसा कर्मचारी खाते में आएगा या नहीं और इस पर आखिरी फैसला क्या होगा। जाने पूरी डिटेल।
कंफेडरेशन ने रखी अपनी मांग
केंद्रीय कर्मचारी संघ ने सरकार के सामने कई माने रखी है। संघ का कहना है की नई पेंशन योजना को पूरी तरह समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाए। इसके अलावा कोविद-19 के लिए तीन किस्तों को दोबारा जारी करने कीमांग की है। कर्मचारियों और पेंशनर्स की पेंशन से काटी गई राशि को 15 साल की बजाय 12 साल में लौटाने की मांग रखी गई है जिससे पेंशनर्स में जल्दी राहत मिले। ”
खाली पदों को भरने की मांग
”संघ ने सरकारी विभागों में खाली पदों को जल्द से जल्द भरने मांग की है साथ ही अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की 5% की सीमा को हटाने की मांग की है ताकि सभी योग्य उम्मीदवारों को रोजगार का मौका मिल सके। इसके आलावा संघ का कहना है कि ,सरकारी विभागों में आउटस्टैंड सेटिंग आउटसोर्सिंग और निजीकरण को रोका जाए। कर्मचारी चाहते हैं कि सरकारी नौकरियों की सुरक्षा बनी रहे सरकारी संस्थाओं को प्राइवेट कंपनियों को ना सोप जाए।
सरकार का फैसला: क्या मिलेगा 18 Months का डीए?
केंद्र सरकार साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी करती है। लेकिन साल 2020 Corona महामारी के चलते सरकार ने 18 महीने के लिए एरियर को लेकर अपना अंतिम निर्णय सुना दिया है। सरकार नेसाफ़ कर दिया है कि कर्मचारियों को 18 महीने का बकाया नहीं मिलेगा। सरकार का कहना कि ये वित्तीय रूप से संभव नहीं है और सरकार के पास इतना बड़ा भुगतान करने के लिए बजट नहीं है सरकार ने ये भी स्पष्ट किया की महामारी के दौरान देश की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी कई सरकारी योजनाओ पर खर्च किया था इसलिए कर्मचारियों को DA देने की मांग पूरी नहीं की जा सकती है।