Meen Sankranti - जाने कब मीन राशि में होने जा रहा है सूर्य का प्रवेश, मीन संक्रांति का महत्व और उपाय

हिन्दू धर्म में साल की 12 संक्रांतियों का वरण मिलता है। इन्हीं में से एक है मीन संक्रांति। मीन संक्रांति के दिन सूर्य कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन सूर्य भगवान की उपासना का विशेष महत्व है। शास्त्रों में मीन संक्रांति को सूर्य पूजन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। आइये जानते हैं मीन संक्रांति की तिथि, महत्व और इस दिन किये जाने वाले कुछ विशेष उपायों के बारे में।
मीन संक्रांति 2023
इस साल मीन संक्रांति 15 मार्च बुधवार को है। 14 और 15 मार्च की मध्यरात्रि 12 बजकर 16 मिनट पर सूर्य राशि परिवर्तन कर मीन राशि का स्वामित्व संभालेंगे। 15 मार्च की सुबह 6 बजकर 33 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट का समय का पुण्यकाल होगा।
मीन संक्रांति का महत्व
संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य देव की पूजा करने से समाज में मान-सम्मान स्थापित होता है। मीन संक्रांति के दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से भाग्य साथ देने लगता है और व्यक्ति में आकर्षक तेज उत्पन्न होता है। इस दिन सूर्य पूजन के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य की कृपा मिलती है। मीन संक्रांति के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से शत्रु पराजित होते हैं। हर प्रकार की नकारात्मकता भी दूर होती है।
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मीन संक्रांति पर क्या न करें
किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य जैसे कि विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि की योजना नहीं बनानी चाहिए। मीन संक्रांति से लेकर अगले पूरे माह तक किसी भी शुभ काम को करने से बचना चाहिए।
उपाय
मीन संक्रांति के दिन सूर्य पूजन के बाद किसी को केले दान में दें। मीन संक्रांति के दिन पीले वस्त्र धारण करें। मीन संक्रांति के दिन सूर्य मंत्रों का जाप करें या सूर्य चालीसा पढ़ें। मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव के 12 नामों की 108 बार माला करें। मीन संक्रांति के दिन लाल रंग के वस्त्र भी दान कर सकते हैं। मीन संक्रांति के दिन पीले या लाल रंग के खाद्य पदार्थ का भोग लगाएं।