vastu:जानिए पंचदेव और सूर्य देव की खास बातें, सूर्य देव ने हनुमान जी को दिया था वेदों का ज्ञान

vastu:जानिए पंचदेव और सूर्य देव की खास बातें, सूर्य देव ने हनुमान जी को दिया था वेदों का ज्ञान

 
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सूर्य पूजा का विशेष माह खरमास पड़ गया है। यह माह 14 अप्रैल तक रहेगा। जो सुबह जल्दी उठकर तर्पण करते हैं सूर्य को अर्घ्य देने से उनका ज्ञान बढ़ता है,उन्हें परिवार और समाज में सम्मान मिलता है,कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं।इन धार्मिक लाभों के साथ, हमारा स्वास्थ्यभी लाभान्वित होता है।

सूर्य ही एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं और पंचदेवों में से एक हैं। हनुमान जी ने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया था और सभी वेदों का ज्ञान प्राप्त किया था।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, सूर्य ही एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं और पंचदेवों में से एक हैं। हनुमान जी ने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया था और सभी वेदों का ज्ञान प्राप्त किया था।

प्रचलित कथा के अनुसार जब हनुमान जी थोड़े बड़े हुए तो उनके माता- पिता अंजनी और केसरी ने उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए सूर्य देव के पास भेजा। हनुमान जी सूर्य देव के पास पहुंचे और कहा कि मैं आपका शिष्य बनना चाहता हूं।

सूर्य देव ने हनुमान जी की बात सुनी और कहा कि मैं एक क्षण भी कहीं नहीं रह सकता। मैं तुम्हें ज्ञान नहीं दे पाऊंगा।read also:

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हनुमान जी ने कहा कि तुम चलते हुए वेदों का ज्ञान बोलते रहो, तुम्हारे साथ चलते हुए मुझे ज्ञान प्राप्त होगा। सूर्य देव इसके लिए तैयार हो गए। इसके बाद सूर्य देव ने सारे वेद हनुमान जी को दे दिए।

सूर्य देव शनि देव, यमराज और यमुना के पिता हैं

सूर्य देव की पहली पत्नी का नाम संज्ञा था। यमराज- यमुना संज्ञा और सूर्य देव की संतान हैं। संज्ञा सूर्यदेव का तेज सहन नहीं कर पाई तब वह अपनी छाया सूर्यदेव की सेवा में छोड़कर स्वयं वहां से अपने पिता के यहां चली गई। शनि देव का जन्म छाया और सूर्य की संतान के रूप में हुआ था।

ज्योतिष में सूर्य ग्रहों का राजा है

ज्योतिष में कुल नौ ग्रह होते हैं। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु- केतु। इनमें सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। यह ग्रह सिंह राशि का स्वामी है। सूर्य की उपासना से कुंडली के कई ग्रह दोषों को शांत किया जा सकता है।

ये हैं सूर्य पूजा के सरल उपाय

रोज सुबह जल्दी उठकर नहाते समय तांबे के लोटे में जल भरकर रखें। चावल और फूल डालें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें।

ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।

अगर आपको सूर्य के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं तो आप घर पर ही सूर्य देव की मूर्ति या तस्वीर की पूजा कर सकते हैं।

धूप- दीप जलाएं, मिठाई का भोग लगाएं। सूर्य के मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

 

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