जानिए पापमोचनी एकादशी को अन्न और जल दान करने के लाभ,श्री कृष्ण ने सुनाई युधिष्ठिर को इस व्रत को कथा

जानिए पापमोचनी एकादशी को अन्न और जल दान करने के लाभ,श्री कृष्ण ने सुनाई युधिष्ठिर को इस व्रत को कथा

 
.

होली और चैत्र नवरात्रि के बीच पड़ने वाली इस एकादशी पर जल और अन्न दान करने का भी महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन सत्यनारायण कथा और भगवान का अभिषेक किया जाता है। नाम के अनुसार इस एकादशी का व्रत और पूजा करने से सभी प्रकार के पापों और संकटों से मुक्ति मिल जाती है।

अन्न- जल दान का महत्व

चैत्र मास की पहली एकादशी को भगवान विष्णु का व्रत और पूजन करने की भी परंपरा है। चैत्र मास में इस दिन अन्न और जल का दान करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इस दिन जरूरतमंद लोगों को पानी पिलाने और पानी पीने से जाने- अनजाने में किए गए पाप खत्म हो जाते हैं। इस दिन गाय को चारा खिलाने से कई गुना शुभ फल मिलते हैं। इस शुभ तिथि पर विष्णु मंदिर में अन्न और अन्न का दान भी किया जाता है।

भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा 

चैत्र के महीने में भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा करने का महत्व है। इस समय वसंत ऋतु है। श्रीमद्भागवत में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि ऋतुओं में मैं वसंत हूँ। इसलिए इस एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के साथ- साथ श्रीकृष्ण की भी पूजा करनी चाहिए। शंख में दूध और गंगाजल भरकर उनका अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद तुलसी का भी भोग लगाएं। ऐसा करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।read also:

जानिए पैरों में कुमकुम लगाने के ज्योतिष लाभ ,बढ़ेगा घर में पैसा

भगवान कृष्ण ने सुनाई युधिष्ठिर को कथा 

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण युधिष्ठिर को बताते हैं कि जब राजा मान्धाता ने ऋषि लोमश से पूछा कि मनुष्य जाने या अनजाने में किए गए पापों से कैसे मुक्त हो सकता है। कथा सुनाते हुए मुनि ने कहा कि चैत्ररथ नामक वन में मेधावी ऋषि च्यवन के पुत्र तपस्या में लीन थे।

जब मंजुघोषा अप्सरा की नजर ऋषि पर पड़ी तो वो मोहित हो गई और उन्हें आकर्षित करने की कोशिश करने लगी। जिससे ऋषि की तपस्या भंग हो गई। गुस्सा होकर उन्होंने अप्सरा को पिशाचिनी बनने का श्राप दिया। अप्सरा ने ऋषि से माफी मांगी और श्राप से मुक्ति के लिए प्रार्थना की।

ऋषि ने उन्हें चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करने को कहा। इस व्रत से अप्सरा को पिशाच योनि से मुक्ति मिली थी। पाप से मुक्त होने के बाद अप्सरा ने एक सुंदर रूप धारण किया और स्वर्ग चली गई।

From Around the web