वास्तु - सुख शांति के लिए तुलसी के पौधे से जुडी इन बातों का रखे ध्यान

तुलसी के पौधे का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है यह एक औषधीय पौधा है और हमारी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है इसकी पूजा अर्चना किए बिना दिन की शुरूआत नहीं होती है कोई ऐसा घर नहीं होगा जहां यह पौधा उपलब्ध न हो भारतीय घरों में तुलसी के पौधे में सुबह जल चढ़ाने और शाम को दिया जलाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है तुलसी के पौधे से जुड़ी कुछ जरूरी बातें हैं जो आज हम आपके लिए लेके आए हैं जो आपके लिए जानना बहुत जरुरी है
-मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए और पत्तियों को भी नहीं तोड़ना चाहिए
-तुलसी के पौधे में एकादशी, रविवार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दिन जल देने की मनाही है
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-वास्तु के अनुसार तुलसी का पौधा उत्तर पूर्व दिशा में ही लगाना चाहिए
-ज्यादा गर्मी और ठंड में तुलसी का पौधा खराब हो जाता है ऐसे में पौधे को कपड़े से ढक दें
-शाम ढलने के बाद तुलसी के पत्तों को तोड़ने से मना किया जाता है क्यूंकि ऐसा करने से दोष लगता है
-गुरुवार को तुलसी के पौधे में दूध अर्पित करना चाहिए और रविवार को छोड़कर प्रतिदिन शाम के समय तुलसी के नीचे घी का दीया जलाना चाहिए ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का हमेशा वास रहता है
-तुलसी के पौधे को दक्षिणा दिशा में नहीं लगाना चाहिए दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से धन की हानि होती है
-जिस घर में तुलसी का पौधा हरा-भरा रहता है वहां माता लक्ष्मी और विष्णु की कृपा से हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है और इन घरों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
-अगर आपके घर में तुलसी का पौधा बार बार सुख जाता है तो इसका मतलब है कि आपके घर में पितृदोष है इससे परिवार में अक्सर विवाद होता रहता है पितृदोष की शांति के लिए पीपल के पेड़ के निचे रविवार को छोड़ कर रोज दीपक जलाएं