गलती से भी इस दिशा में केले का पेड़ ना लगाए ,सहनी पड़ सकती है आपके परिवार को परेशानियां
सनातन धर्म में कई पेड़-पौधे दैवीय गुणों से भरपूर माने गए हैं। उन पेड़-पौधों को लगाने के नियम और निश्चित निर्देश भी शास्त्रों में बताए गए हैं। कहा जाता है कि अगर हम उन नियमों का उल्लंघन करते हैं और पेड़ लगाते हैं, तो हमें जीवन में नुकसान का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको भगवान विष्णु को प्रिय केले के पेड़ के बारे में बताएंगे। आपको यह भी बताएंगे कि केले का पेड़ लगाने की सही दिशा और नियम क्या हैं।ज्योतिष के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति निवास होता हैं।
जिस घर में केले का पेड़ लगाया जाता है उस घर में समृद्धि आती है और परिवार के सदस्यों को धन और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। हालांकि, अगर केले का पेड़ गलत दिशा में लगाया जाता है। तो उसे भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार घर के मुख्य द्वार के सामने केले का पेड़ लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश बाधित होता है। इसके साथ यह परिवार के सदस्यों के लिए कई तरह की परेशानियों का कारण बन जाता है। ऐसा करके घर में आर्थिक परेशानी भी शुरू हो जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार केले का पेड़ घर के दायीं या बायीं तरफ लगाएं। इसकी दिशा कभी भी पूर्व-दक्षिण के आग्नेय कोण में नहीं होनी चाहिए। साथ ही घर की पश्चिम दिशा में केले का पेड़ लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करके वह अशुभ फल देने लगता है और घर में कई अजीबोगरीब चीजें होने लगती हैं।इस बात का विशेष ध्यान रखें कि केले के पत्तों को कभी भी सूखने न दें और उसमें कभी भी गंदा पानी न डालें।
केले के पेड़ में खाद नियमित रूप से रखनी चाहिए। प्रत्येक गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। तो उसकी देखभाल करने में संकोच न करें।भारतीय संस्कृति में केले के पेड़ को बहुत पवित्र माना जाता है। इसलिए इसके आसपास कैक्टस या गुलाब जैसे पेड़ लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने का खतरा रहता है और परिवार के सदस्यों के बीच कलह और मनमुटाव बढ़ जाता है। जिससे रिश्तों में खटास आने लगती है।