इन डेस्टिनेशंस पर आप कर सकते हैं कम छुट्टियों में भी वैकेशन प्लान

यह छोटी ट्रिप डेस्टिनेशन है
मुक्तेश्वर
उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के बीच स्थित यह स्टेशन एक अद्भुत जगह है। यह नैनीताल जिले में पड़ता है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2171 मीटर है।
मुक्तेश्वर खूबसूरत घाटियों से घिरा एक स्थान है जिसका नाम भगवान शिव के 350 साल पुराने मंदिर से पड़ा है। मुक्तेश्वर अपनी साहसिक गतिविधियों के लिए भी प्रसिद्ध है, जहां आप रैपलिंग और रॉक क्लाइंबिंग का आनंद ले सकते हैं।
आपको मुक्तेश्वर के आसपास घूमने की कई जगहें मिल जाएंगी जैसे मुक्तेश्वर मंदिर, चौली की जाली, सीतला, भालूगढ़ जलप्रपात, आप यहां इन जगहों की सैर कर सकते हैं।
ऑली
देवभूमि उत्तराखंड में स्थित औली अपनी खूबसूरती के लिए काफी मशहूर है। यह एक ऐसी जगह है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित औली का मतलब घास का मैदान होता है।
यह स्थान समुद्र तल से 2500 मीटर से 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहुंचकर आपको स्वर्ग जैसा अहसास होने वाला है क्योंकि सर्द हवाओं में बर्फ से लदे बड़े-बड़े पहाड़, नंदादेवी चोटी, त्रिशूल चोटी आपको हैरान कर देगी।
जनवरी से मार्च तक यहां के पहाड़ बर्फ की मोटी चादर से ढके रहते हैं। यह भारत का सबसे प्रसिद्ध स्कीइंग मैदान भी है जहाँ प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। यहां आपको सेब के बाग और विशाल ओक के पेड़ देखने को मिलेंगे।
ओरछा
यदि ऐतिहासिक स्थान आपको आकर्षित करते हैं, तो आप मंदिरों, महलों और किलों के शहर ओरछा की यात्रा कर सकते हैं। मध्यकालीन स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने यहां देखे जा सकते हैं।
भारत के मध्य यानि मध्य प्रदेश में बसे इस शहर को बुंदेलखंड की अयोध्या भी कहा जाता है। वैसे तो यहां साल भर धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। लेकिन अक्टूबर से फरवरी तक का समय खास होता है और इस दौरान यहां विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा देखा जाता है।
यहां बेतवा नदी के किनारे सुहावना मौसम सबका दिल जीत लेता है। ओरछा की स्थापना बुंदेला राजपूत प्रमुख रुद्र प्रताप ने 16वीं शताब्दी में की थी।
धनाचुली
यह जगह उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है और बेहद खूबसूरत है। वैसे तो उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में कई हिल स्टेशन हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से धनाचूली लोगों की पसंद बनता जा रहा है.
यहां की ठंडी जलवायु, सेब के बाग और खूबसूरत हिमालय श्रृंखला आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। नैनीताल से इस जगह की दूरी 46 किलोमीटर है। यहां आपको घने जंगल और सेब के बागों को निहारने का मौका मिलेगा।
स्थानीय लोग इसे मिनी यूरोप इसलिए कहते हैं क्योंकि यहां प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ कुमाऊं की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी देखने को मिलती है। गांव में दूर-दूर तक घर बने हुए हैं, जिन पर की गई लकड़ी की नक्काशी बहुत ही शानदार है।
परवाणू
अगर आपको प्रकृति और रोमांच दोनों पसंद हैं तो परवाणू आपके लिए एक बेहतरीन जगह होगी। यहां आपको ट्रेकिंग ट्रेल्स से केबल कार की सवारी करने का मौका मिलेगा।