Hasanamba-temple - साल में सिर्फ एक सप्ताह के लिए खुलता है यह मंदिर, यहाँ भगवान को चिट्ठी लिखते हैं लोग

Hasanamba-temple - साल में सिर्फ एक सप्ताह के लिए खुलता है यह मंदिर, यहाँ भगवान को चिट्ठी लिखते हैं लोग

 
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कर्नाटक का प्रसिद्ध हसनंबा मंदिर कई मायनों में बेहद ही विशेष है। सबसे पहले तो यह मंदिर साल में केवल एक सप्ताह के लिए ही खुलता है। यहां पर आने वाले सभी भक्त चिट्ठी लिखकर भगवान को अर्जी देते हैं। इस मंदिर की विशिष्टता के कारण देशभर से लोग यहां पर दर्शन के लिए आते हैं। चलिए आज इस लेख में हम आपको हसनंबा मंदिर की विशेषताओ के बारे में बता रहे हैं।

सिर्फ एक बार खुलता है यह मंदिर

हसनंबा मंदिर साल में केवल एक बार दिवाली के दिन खुलता है। इस मंदिर में देवी हसनंबा की पूजा की जाती है। इस दौरान हसनंबा जात्रा महोत्सव भी मनाया जाता है। इस मंदिर के आखिरी दो दिनों में विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। इस समय इसे आम श्रृद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है।

12वीं शताब्दी में हुआ था निर्माण

इस खास मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। कहा जाता है कि हसनंबा मंदिर होयसल वंश के राजाओं द्वारा 12वीं शताब्दी द्वारा बनवाया गया था। मुख्य द्वार पर गोपुरम स्थित है। वह 12वीं शताब्दी के बाद का है। 

भक्त लिखते हैं चिट्ठी

इस मंदिर की एक विशेषता यह भी है कि जब यह मंदिर खुलता है तो लोग ईश्वर से प्रार्थना करने और उन तक अपने मन की बात पहुंचाने के लिए चिट्ठिया लिखते हैं। यहाँ मान्यता है कि ईश्वर को चिट्ठी लिखने से वे जल्द ही उनकी मनोकामना पूरी करते हैं।alsoreadSpring Season के दौरान इन खूबसूरत जगहों पर घूमने का बना सकते हैं प्लान

अपने चमत्कारों के लिए है प्रसिद्ध

कर्नाटक का यह हसनंबा मंदिर अपने विशिष्ट चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। जब इस मंदिर के कपाट फिर से बंद किए जाते हैं तब यहां पर प्रसाद चढ़ाने के साथ-साथ दीपक व फूल भी अर्पित किए जाते हैं। जब एक साल बाद मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तब यह दीपक जलता हुआ ही पाया जाता है। माता को अर्पित किए गए फूल भी ताजे रहते हैं।

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