टीम इंडिया को जरुरत है धोनी-युवराज जैसे खिलाडियों की , जानिए वो 3 कारण जिस वजह से खल रही है आज उनकी कमी

13 फरवरी 2006 को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरा वनडे मैच खेला जा रहा था पाकिस्तान की टीम ने 50 ओवर में 288 रन बनाए शोएब मलिक ने 108 रनों की पारी खेली टीम इंडिया के 190 रन में ही 5 विकेट गिर गए फैंस को करारा झटका लगा जब सचिन तेंदुलकर 95 रन बनाकर ही आउट हो गए
ऐसा लग रहा था टीम इंडिया ये मुकाबला हार जाएगी लेकिन उस दिन भारत के दो स्टार्स महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह ने उस दिन कमाल कर दिया दोनों ने मिलकर 102 रन बनाए और भारत ने 47.4 ओवर में 292 रन बनाकर ये मुकाबला जीत लिया धोनी ने 46 बॉल पर 72 रन बनाए और युवराज ने 79 रन बनाए
इन दोनों ही खिलाडियों के संन्यास लेने के बाद से टीम इंडिया कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पा रही है 2013 के बाद हम कोई ट्रॉफी नहीं जीत पाए हैं एशिया कप से भी टीम इंडिया बाहर हो गई है अगर हमें अक्टूबर में वर्ल्ड कप जीतना है तो हमें ऐसे ही खिलाड़ियों की जरूरत है
टीम इंडिया ऋषभ पंत को टी-20 में पावर हिटर बल्लेबाज के रूप में तैयार कर रही है लेकिन वो लगातार फ्लॉप हो रहे हैं उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 126 है पंत के साथ हार्दिक पंड्या का भी हाल ऐसा ही है इन दोनों को युवराज और धोनी का विकल्प माना जाता है 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप में युवी ने इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंद पर 6 छक्के लगा दिए थे कम बॉल में जब ज्यादा रन की जरूरत होती थी तब धोनी ने आखिरी ओवरों में कम बॉल खेलकर ज्यादा रन बनाएं हैं और टीम इंडिया को जीत दिलाई है इन दोनों के संन्यास लेने के बाद से आज तक भारतीय टीम इनका विकल्प नहीं ढूंढ पाई है हम पिछले 9 साल में ICC की एक ट्रॉफी भी नहीं जीत पाए हैं