International Olympic Day 2022 - अभिनव बिंद्रा से लेकर लिएंडर पेस तक, भारतीय दिग्गजों ने साझा किया निष्पक्ष खेल का संदेश

वाराणसी जिले में कल ओलंपिक दिवस मनाया गया सिगरा स्टेडियम में जिला ओलंपिक संघ की ओर से कई खेल कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया जहां काशी के ओलंपियनों को भी याद किया गया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनारसी खिलाड़ियों का जादू सर चढ़कर बोलता है एथलेटिक्स, हॉकी, कुश्ती और तीरंदाजी में बनारस ने 10 ओलंपियन दिए हैं, अनंत राम भार्गव से शुरू हुआ यह सिलसिला आज भी जारी है
हॉकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय ने टोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद कांस्य पदक जीत कर इस परंपरा को आगे बढ़ाया धर्म कला और संस्कृति की नगरी काशी ने भी खेल की दुनिया को नायाब हीरे दिए हैं पूर्वांचल में बनारस को खेलों की नर्सरी भी कहते हैं पिछले दो दशकों से ओलंपिक दिवस लगभग दुनिया के हर कोने में मनाया जा रहा है बड़े पैमाने पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं
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सेंट मोरित्ज में ओलंपिक समिति की 42वीं बैठक में ओलंपिक दिवस मनाने का विचार पहली बार अपनाया गया था यह 1948 में आईओसी के सदस्य डॉक्टर ग्रस ने स्वीडन के स्टॉकहोम में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के 41वें सत्र में विश्व ओलंपिक दिवस मनाने की बात कही थी इसके लिए 23 जून का दिन चुना गया 23 जून 1894 को सोरबोन, पेरिस में आईओसी की स्थापना की गई थी पियरे डी कौबर्टिन ने ओलंपिक खेलों को पुनर्जीवित किया था इस आयोजन के लिए राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों को लगाया गया था और 23 जून ओलंपिक के इतिहास में एक विशेष क्षण है इसी वजह से ओलंपिक दिवस भी 23 जून को मनाया जाता है
इस साल की थीम "एक शांतिपूर्ण दुनिया के लिए साथ" है इस बार वैश्विक शांति पर जोर देते हुए ओलंपिक दिवस मनाया गया विश्व ओलंपिक दिवस 2022 इस बात पर जोर देता है कि खेल के जरिए एक बेहतर दुनिया का निर्माण करना है और लोगों को शांति से एक साथ लाना है 1987 में पहले संस्करण में केवल 45 प्रतिभागी एनओसी थे अब यह संख्या बढ़कर सौ से अधिक हो गई है