जानिए कैसे टिशू पेपर और वाइप्स आपकी सेहत के लिए हानिकारक है ?

आजकल टिशू पेपर या वाइफस का इस्तेमाल ज्यादातर किया जाता है। अब लोग टिशू पेपर और वाइप्स के इस्तेमाल को बढ़ाने लगे हैं। रुमाल अब बीते दिनों की चीज हो गई है। जब लोग ऑफिस, होटल या कहीं भी बाहर जाते हैं तब वह टिशू पेपर का ही इस्तेमाल करना चाहते हैं। लोगों की धारणा यह है कि टिशू पेपर रुमाल की अपेक्षा ज्यादा हाइजीनिक होता है। जबकि शोधों में यह बताया जाता है कि कॉटन के बने रुमाल टिशू पेपर के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित होते हैं।
जब हम टिशु पेपर को अपनी स्क्रीन पर लगाते हैं तब पसीने के कारण टिशू पेपर के केमिकल्स हमारे पोर्स में चिपक जाते हैं। इससे फंगल इनफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। कपड़े के बने रुमाल को इस्तेमाल के बाद धोया जा सकता है और सूखने पर बैक्टीरिया आसानी से खत्म भी हो जाते हैं। रुमाल से फंगल इन्फेक्शन का कोई डर भी नहीं रहता।
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वेट वाइप्स में भी कई तरह के केमिकल का प्रयोग किया जाता है। जबकि हम सीधे-सीधे सैनिटाइजर या दूसरे केमिकल से चेहरा साफ नहीं करते हैं। छोटे बच्चों के लिए इस्तेमाल किए गए वेट वाइप्स उनके स्किन के लिए ठीक नहीं होते हैं। बच्चों पर वाइफस यूज करने से उनके रैशेज होने की आशंका रहती है। वेट वाइप्स का इस्तेमाल कभी-कभी किया जा सकता है परंतु रोज नहीं। इससे आप स्किन को पोछ सकते हैं परंतु रगड़ नहीं सकते। वेट वाइप्स में मिथाइल क्लोरो आईजोथीयाजोलीनान होता है जो स्किन की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
वाइप्स में मिले प्रिजर्वेटिव्स और प्रेगनेंस स्किन को सेंसेटिव बनाते हैं। अधिकतर वाइफस में प्लास्टिक फाइबर मिला होता है और इससे पर्यावरण को हानि होती है। इसको खाने पर जानवर मर जाते हैं। आमतौर पर लोग टिशू पेपर पर खाने की चीज रख लेते हैं परंतु इसके संपर्क में आने पर खाना भी दूषित हो सकता है। जिससे फूड प्वाइजनिंग, डायरिया, ब्लोटिंग, आदि की परेशानी हो सकती है।