पहली बार बनी हैं मां तो ये खबर जरूर पढ़े - बच्चा सो रहा है तो उसे दूध न पिलाएं, 3 घंटे से लगातार रो रहा है तो ....

पहली बार जब एक औरत मां बनती है तो कई तरह की बातें उसके लिए नई होती है उसे बच्चे को अपना दूध पिलाते वक्त भी कई तरह की परेशानी होती है आज हम बात कर रहे हैं ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़ी सावधानी की साथ ही ये भी जानेंगे बच्चे को अपना दूध पिलाते वक्त एक मां को कैसे बैठना चाहिए?आइये जानते हैं
-6 महीने तक के बच्चे को पूरी तरह से ब्रेस्ट फीड कराना चाहिए
-2 साल तक के बच्चों को बाहर के दूध के साथ ब्रेस्ड फीड करवाना चाहिए
-6 महीने तक बच्चे की खुराक पूरी तरह से मां के दूध पर डिपेंड करती है इसलिए मांओं को अपने खानपान पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए
-जब पहली बार बच्चे को मां गोद में ले तभी दूध पिलाने की कोशिश करनी चाहिए
-बच्चे को जन्म देने के बाद मां के शरीर में खास दूध बनता है जिसे कोलोसट्रम कहते हैं
-यह दूध बच्चे को कई तरह के इन्फेक्शन से सुरक्षित रखता है
-अगर मां नींद में है तो बच्चे को लेटकर दूध ना पिलाएं
-दूध पिलाते वक्त अगर परेशानी आ रही है तो पेशेंस रखें
-ब्रेस्ट फीडिंग कराने में मां प्रैक्टिस से परफेक्ट बन सकती है
-बच्चे को बार-बार दूध पिलाने से मां के ब्रेस्ट में दूध बनने लगता है
-नवजात को एक दिन में 8 से 12 बार दूध पिलाया जा सकता है
-भूख लगने पर बच्चा संकेत देता है, जिसे मां को समझना होगा वो भूख लगते ही अपने हाथ-पैर हिलाने लगेगा मुंह खोलने लगेगा ज्यादा भूख लगते ही बच्चा तेज रोने लगता है
-सुबह से रात तक मां की डाइट में तीन मेजर मील और 3 स्नैक्स होने चाहिए
-ह्यूमन मिल्क में 90% पानी होता है जितना पानी मां पिएंगी मिल्क की सप्लाई अच्छी रहेगी
-हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से मां में आयरन की मात्रा सही बानी रहेगी एनिमिया की प्रॉब्लम नहीं होगी और यह सब दूध के जरिए बच्चे को मिलेगा
-हाई प्रोटीन डाइट से एनर्जी बनी रहेगी मां को सुस्ती नहीं होगी बच्चा भी हेल्दी रहेगा
-ब्रेस्ट फीड करवाने वाली महिलाओं को डेयरी प्रोडक्ट से दूर रहना चाहिए इससे पेट फूलने और गैस की प्रॉब्लम होती है इसलिए दही खाएं