फाल्गुनी पाठक गाने के रीमिक्स पर विवाद, मालिकाना हक, हक और सम्मान के पेचीदा सवाल

53 साल की मशहूर सिंगर फाल्गुनी पाठक (Falguni Pathak) को आज भी उनके गाने 'मैंने पायल है छनकाई', 'मेरी चुनार उड़ उड़ जाए' और 'याद पिया की आने लगी' के लिए जाना जाता है।1998 से 2002 तक फाल्गुनी के गाने लोगों के दिलों पर राज करते थे। उस दौरान वह काफी फेमस सिंगर बन चुकी थीं। इतना ही नहीं, उनके गाने रिलीज के साथ ही इतने पॉपुलर हो जाया करते थे कि लोग उनके नए गाने आने का इंतजार किया करते थे।
डांडिया क्वीन फाल्गुनी पाठक का 'मैंने पायल है छनकयी' कोई बेहतरीन गाना नहीं है। 1999 में वापस, हालांकि, इसने खुद को कई किशोर दिलों में जकड़ लिया, क्योंकि पाठक की सुरीली आवाज पहले प्यार की मासूमियत के बारे में गाने के लिए धीरे-धीरे आकर्षक गिटार के साथ विलीन हो गई। इंडी-पॉप के युग में पली-बढ़ी एमटीवी पीढ़ी ने इसे लपक लिया। यहाँ युवा प्रेम पॉप दृश्य को चला रहा था और उदारीकरण के बाद के संगीत उद्योग की मोटरों को बदल रहा था। 'मैंने पायल...' और कुछ अन्य गीतों के साथ, पाठक और संगीतकार ललित सेन ने कान के कीड़े दिए जो समय की कसौटी पर खरे उतरे।
फाल्गुनी का करियर अचानक पतन की ओर बढ़ने लगा जब उन्होंने अपनी शर्त पर काम करने का फैसला किया था। दरअसल, 1998 में जब फाल्गुनी का पहला म्यूजिक एल्बम 'याद पिया की आने लगी' आया, तो इस एल्बम ने लोगों के बीच धूम मचा कपिल शर्मा ने अपनी फिल्म ज्विगेटो को प्रमोट करने के लिए शहनाज गिल के टॉक शो की शोभा बढ़ाई; लैटर कहता है 'व्हाट अ वाइब' दिया।अपनी पहले ही एल्बम से मिली जबरदस्त सफलता ने फाल्गुनी के हौसले को काफी बढ़ दिया और फिर उसके अगले ही साल 1999 में उन्होंने अपना दूसरा एब्लम लिरीज किया, जिसका नाम था 'मैंने पायल है छनकाई।
फाल्गुनी की इस एक जिद ने उनके करिअर को काफी नुकसान पहुंचाया।दरअसल, वह फिल्मों में नहीं गाना चाहती थीं, हालांकि हिंदुस्तान टाइम्स को दिए अपने एक इंटरव्यू में फाल्गुनी से जब पूछा गया था कि सालों से लो प्रोफाइल के साथ क्यों हैं, तो इस पर उन्होंने कहा था, 'यह मेरा स्वभाव है। मैं साल भर शो करती हूं, लेकिन मैं इतना मीडिया-सेवी नहीं हूं।मैं हमेशा से ऐसी ही रही हूं।