जहाज 47 करोड़, फिल्म बनी 1250 करोड़ में:टाइटैनिक जहाज के डूबने से जुडी रोचक और अदभूत जानकारी

19 दिसंबर 1997 को रिलीज हुई आइकॉनिक फिल्म टाइटैनिक को 25 साल हो चुके हैं। 11 ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाली ये फिल्म उस समय दुनिया में बनी सबसे महंगी फिल्म थी। ये फिल्म 1912 में साउथैम्प्टन से पहली और आखिरी यात्रा में रवाना हुए RMS टाइटैनिक पर बनी थी। इस एपिक रोमांस और ट्रेजडी फिल्म की लागत असल टाइटैनिक शिप से भी 26 गुना ज्यादा थी। फिल्म के राइटर और डायरेक्टर जेम्स कैमरून थे, जो अवतार, द टर्मिनेटर जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं।लियोनेल मेस्सी Net Worth, आयु, ऊंचाई और अधिक
फिल्म को परफेक्ट बनाने के लिए टाइटैनिक जहाज का रेप्लिका असल टाइटैनिक की ब्लूप्रिंट देखकर बनवाया गया था, वहीं कार्पेट से लेकर फिल्म में नजर आया ज्यादातर सामान भी उन्हीं कंपनियों से तैयार करवाया गया था, जो असल जहाज के लिए काम कर चुके थे। इस फिल्म की शूटिंग और मेकिंग में हर बारीकी का ध्यान रखा गया था, वहीं कई असली घटनाएं भी फिल्म में दिखाई गई थीं। जहाज डूबता दिखाने के लिए मेकर्स ने सिर्फ एक सीन में 1 करोड़ लीटर पानी इस्तेमाल किया, वहीं दूसरे सीन्स में लाखों लीटर पानी लगा। 3 घंटे 10 मिनट की इस फिल्म को 200 मिलियन डॉलर, यानी 1250 करोड़ रुपए में तैयार किया गया। इसके हर एक मिनट के सीन में 8 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जिससे डायरेक्टर और डिस्ट्रीब्यूटर के बीच खूब अनबन हुई।
टाइटैनिक से जुडी रोचक और अदभूत जानकारी
क्या आप जानते है टाइटैनिक में जो ट्रांसमीटर प्रयोग किया गया था वो उस समय का सबसे तेज ट्रांसमीटर था।
आपको इस बात को जानकारी हैरानी होगी की टाइटैनिक जहाज को बनाने में करीब 35 करोड़ डॉलर का खर्चा हुआ थालियोनेल मेस्सी Net Worth, आयु, ऊंचाई और अधिक जबकि टाइटैनिक फिल्म को बनाने में करीब 1000 करोड़ का खर्चा हुआ था।
क्या आपको पता भी है टाइटैनिक ही ऐसी सबसे पहली मूवी थी जिसकी DVDs उसी समय पर रिलीज कर दी गयी थी जब ये फिल्म थियेटरों में चल रही थी।
क्या आपको पता है 1997 में बनी इस फिल्म उस ज़माने की सबसे महंगी फिल्म बनी थी, पर उसकी कमाई भी उतनी बड़ी हुई थी करीब 1.8 बिलियन डॉलर।
डायरेक्टर जेम्स कैमरून ने बनाया था रोज का रियल न्यूड स्केच
31 जुलाई 1994 को फिल्म की प्रिंसिपल फोटोग्राफी शुरू हुई। 15 नवंबर को शिप की रवानगी का सीन शूट हुआ। रोज की असल न्यूड पेंटिंग डायरेक्टर जेम्स कैमरून ने बनाई थी, ये फिल्म का पहला सीन था, क्योंकि सेट इतना फैला हुआ था कि दूसरा सीन शूट करने के लिए कुछ मिल नहीं रहा था। समय बचाने के लिए डायरेक्टर को यही सीन शूट करना पड़ा।