Toll Tax - इन 25 लोगों को नहीं देना पड़़ता टोल टैक्स , जाने

Toll Tax - इन 25 लोगों को नहीं देना पड़़ता टोल टैक्स , जाने

 
tt

सड़कें किसी भी देश की संपत्ति होती है इसलिए इनका रखरखाव बहुत जरूरी होता है। देश के राजमार्गों के रखरखाव के लिए हमें अधिक से अधिक संपत्ति का इसमें निवेश करना होता है। जब भी आप सड़क के रास्ते जाते हैं तो रास्ते में आने वाले टोल टैक्स पर जरूर रुकना पड़ता है।  टोल टैक्स चुाकने पर ही आगे बढ़ने की इजाजत होती है। अब ये टोल टैक्स क्या होते हैं, क्यों लिए जाते हैं और इनके रेट कैसे तय होते हैं?  

भारत में कब शुरू हुआ टोल टैक्स-  

भारत में पहली बार टोल टैक्स की शुरूआत 1956 में हुई थी। इसकी शुरूआत THE NATIONAL HIGHWAYS ACT, 1956 ACT NO. 48 OF 1956 [11th September, 1956.] के अंतर्गत हुई थी। इनका पूरा प्रबंध नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया करता है। दो टोल बूथ के बीच की दूरी 60 किमी होती है। 

क्यों लिया जाता है टोल टैक्स-

टोल टैक्स का इस्तेमाल सड़कों के रखरखाव और निर्माण इत्यादि में किया जाता है। इस शुल्क के जरिए सरकार हाईवे और एक्सप्रेसवे निर्माण की योजना बनाती है और उनका रखरखाव करती है।alsoreadWorld Obesity Day - भारत में तेजी से बढ़ रहा है मोटापा, 2035 तक 11 फीसद लोगों की बॉडी फूल जाने की है आशंका 

किन 25 लोगों को नहीं देना पड़ता है टोल टैक्स?

 -भारत के राष्ट्रपति

- भारत के उपराष्ट्रपति

- भारत के प्रधानमंत्री

- किसी राज्य का राज्यपाल

- भारत के मुख्य न्यायाधीश

- लोक सभा के अध्यक्ष

- संघ के कैबिनेट मंत्री

- किसी राज्य का मुख्यमंत्री

- सुप्रीम कोर्ट के जज

- संघ राज्य मंत्री

- एक केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल

- चीफ ऑफ स्टाफ जो पूर्ण सामान्य या समकक्ष रैंक का पद धारण करता है

- किसी राज्य की विधान परिषद के सभापति

-किसी राज्य की विधान सभा के अध्यक्ष

- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश

- संसद सदस्य

- थल सेनाध्यक्ष के सेना कमांडर और अन्य सेवाओं में समकक्ष

- संबंधित राज्य के भीतर किसी राज्य सरकार के मुख्य सचिव

- सचिव, भारत सरकार

- राज्यों की परिषद सचिव

- सचिव, लोक सभा

- राजकीय यात्रा पर विदेशी गणमान्य व्यक्ति

From Around the web