Supreme Court Decision :- इस एक गलती से बेटियों को नहीं मिलेगा पिता की संपत्ति में अधिकार , जाने

Supreme Court Decision :- इस एक गलती से बेटियों को नहीं मिलेगा पिता की संपत्ति में अधिकार , जाने

 
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आज हम आपको अपनी इस खबर में संपत्ति से जुड़े बेटियों के अधिकार के बारे में बताने जा रहे है। हाल ही में कोर्ट की ओर से आए एक फैसले के मुताबिक एक स्थिति में बेटियों को पिता की संपत्ति में अधिकार नहीं मिलता है। आइए जाने विस्तार से। 

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

जो बेटी अपने पिता के साथ रिश्ता नहीं रखना चाहती है उस बेटी का अपने पिता की धन-संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है। रिश्ता नहीं रखने पर बेटी अपनी शिक्षा और शादी के लिए भी पिता से किसी तरह के पैसे की मांग नहीं कर सकती है।

क्या है पूरा मामला?

पति ने सुप्रीम कोर्ट में अपने तलाक की गुहार लगाई। पति-पत्नी और पिता-पुत्री के रिश्तों में सुलह की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनी। बेटी अपने जन्म से ही मां के साथ रह रही थी और अब वो 20 साल की हो चुकी है लेकिन उसने अपने पिता को देखने से इंकार कर दिया था।

बेंच ने कहा कि बेटी 20 साल की है और अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। अगर वह पिता के साथ रिश्ता नहीं रखना चाहती है तो वह अपने पिता के किसी भी पैसे की हकदार नहीं है। वो शिक्षा और शादी के लिए भी पैसे की मांग नहीं कर सकती है।

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पति को देना होगा गुजारा-भत्ता

बेंच ने कहा कि पत्नी के पास व्यावहारिक रूप से किसी भी तरह का पैसा और साधन नहीं है। वर्तमान में 8,000 रुपए हर महीने पति अपनी पत्नी को गुजारा-भत्ता के तौर पर देगा। वह अपनी पत्नी को एकमुश्त 10 लाख रुपए भी दे सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर मां चाहे तो अपनी बेटी की मदद कर सकती है। अगर वह बेटी का समर्थन करती है तो पति से मिलने वाले पैसे को अपनी बेटी को दे सकती है।

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