PF-withdrawal - पीएफ का पैसा निकालने पर कब देना पड़ता है टैक्स? जानें क्या हैं EPFO के नियम

PF-withdrawal - पीएफ का पैसा निकालने पर कब देना पड़ता है टैक्स? जानें क्या हैं EPFO के नियम

 
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कहा जाता है कि रिटायरमेंट के पहले पीएफ अमाउंट नहीं निकालना चाहिए। सरकार ने नियम भी इस हिसाब से ही बनाएं हैं कि कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद ही यह फंड निकाले ताकि उसे नौकरी के बाद किसी तरह की वित्तीय दिक्कतों का सामना न करना पड़े लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में पीएफ अमाउंट पहले भी निकाला जा सकता है। पीएफ का पैसा बीच में निकालने पर टैक्स भी देना पड़ता है। जानिए क्या हैं इससे जुड़े नियम। 

PF अकाउंट को मर्ज करना है जरूरी

जब आप एक नया काम शुरू करते हैं तो आपको ईपीएफओ से एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर प्राप्त होता है। आप और आपकी कंपनी दोनों इसमें हर महीने योगदान करते हैं। जब आप नौकरी बदलते हैं तो आप अपना यूएएन नए नियोक्ता को प्रदान करते हैं जो बाद में उसी यूएएन के तहत एक और पीएफ खाता खोलता है। अपने पिछले पीएफ खाते को बाद में खोले गए नए अकाउंट के साथ मर्ज करना जरूरी होता है। 

कब देना होता है टैक्स

अगर आपके PF अकाउंट से 5 साल के बाद निकासी की जाती है तो यह पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। अगर 5 साल से पहले निकासी करते हैं तो यह टैक्सेबल हो जाता है। 5 साल से पहले अगर प्रोविडेंट फंड से पैसा निकाला जाता है और PAN Card लिंक्ड नहीं है तो 20 फीसदी TDS कटेगा। अगर आपका पीएफ अकाउंट पैन से लिंक्ड है तो TDS 10 फीसदी कटेगा। 

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इन लोगों नहीं देना होता टैक्स

अगर कर्मचारी को खराब सेहत की वजह से नौकरी छोड़नी पड़ी या बिजनेस बंद हो गया अथवा ऐसे किसी कारण से नौकरी गई है जिस पर कर्मचारी का कंट्रोल नहीं है तो इन मामलों में पीएफ से पैसे निकालने पर कोई टैक्‍स नहीं देना पड़ेगा। अगर कर्मचारी ने नौकरी बदली है और नए नियोक्‍ता के साथ खोले गए पीएफ खाते में पुराने खाते का पैसा ट्रांसफर करता है तो इस मामले में भी उसे कोई टैक्‍स नहीं देना पड़ेगा। 

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