ISRO Chandrayaan 3 Scientists - चंद्रयान-3 मिशन के पीछे हैं ये 5 साइंटिस्ट , कोई रेलकर्मी का बेटा तो कोई सफाईकर्मी का

ISRO Chandrayaan 3 Scientists - चंद्रयान-3 मिशन के पीछे हैं ये 5 साइंटिस्ट , कोई रेलकर्मी का बेटा तो कोई सफाईकर्मी का

 
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चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद पर पहुंच गया। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट की सफल लैंडिंग के पीछे 5 साइंटिस्ट हैं। आइए आपको इनके बारे में बताते हैं। 

1. एस.सोमनाथ

सोमनाथ का जन्म 1963 में केरल में एक मलयाली परिवार में हुआ। ISRO चीफ एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 मिशन को लीड किया है। इनका पूरा नाम श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ है। जनवरी 2022 में एस सोमनाथ को ISRO का चेयरमैन बनाया गया था। इससे पहले वे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में निदेशक के पद पर रह चुके हैं।

2. पी वीरमुथुवेल

पी वीरमुथुवेल 2014 में ISRO में शामिल हुए थे। वीरमुथुवेल ​​​​​​तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनके पिता रेल कर्मचारी थे। वीरमुथुवेल ने 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 के लॉन्च पर कहा था कि चंद्रमा पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए हमारी यात्रा शुरू हो गई है। 

3. कल्पना कालाहस्ती

कल्पना कालाहस्ती आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। ISRO में नौकरी करना कल्पना के बचपन का सपना था। उनके पिता मद्रास हाईकोर्ट के कर्मचारी हैं। बीटेक के बाद कल्पना ने 2000 में एक वैज्ञानिक के रूप में ISRO जॉइन किया। श्रीहरिकोटा में पांच साल तक काम करने के बाद 2005 में उनका ट्रांसफर बेंगलुरु के एक सैटेलाइट सेंटर में हो गया। कल्पना चंद्रयान-2 मिशन प्रोजेक्ट का भी हिस्सा रही हैं।

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4. एस मोहना कुमार

एस मोहना कुमार विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में सीनियर साइंटिस्ट हैं। वे स्पेस इंडस्ट्री में 25 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं। वे वनवेब इंडिया-2 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

5. एम संकरन

चंद्रयान-3 को डिजाइन करने में एम संकरन का मुख्य योगदान रहा है। संकरन यू आर राव स्पेस सेंटर के डायरेक्टर हैं। एम संकरन ने 1986 में तिरुचिरापल्ली के भारतीदासन यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद वे इसरो सैटेलाइट सेंटर में शामिल हो गए जिसे अब URSC के नाम से जाना जाता है।

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