India-China Border: चीन को बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर में ऐसे मात दे रहा भारत , पुल से लेकर नए एयरफील्ड तक शामिल

भारत अपनी सीमाओं को मजबूत करने में लगा हुआ है। चीन के साथ लगने वाली सीमाओं पर नई सड़कें, पुल, सुरंग, एयरफील्ड और हेलीपैड तैयार किए गए हैं। नई सड़कें, पुल, सुरंग आदि बनाने में हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। भारत ये सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है कि उसकी सेना हमेशा लाभ वाली स्थिति में रहे। वर्तमान में चीन सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में भारत से काफी आगे खड़ा है लेकिन भारत तेजी से इस गैप को कम करने में जुटा हुआ है।
देश को 90 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट सौपेंगे रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज चीन के साथ लगने वाली भारतीय सीमाओं के पास कई सारे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इन प्रोजेक्ट्स के जरिए सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिसका सीधा असर सेना के आने-जाने, तैनात सैनिकों के लिए लॉजिस्टिक और सीमावर्ती राज्यों में नागरिकों की आवाजाही पर पड़ेगा।
लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लेकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुल मिलाकर 90 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पूरे किये गए हैं। इन प्रोजेक्ट्स की लागत 2941 करोड़ रुपये है। राजनाथ जम्मू से ही इन प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करेंगे। जम्मू में वह बिश्नाह-कौलपुर-फूलपुर रोड पर बीआरओ के 422 मीटर लंबे देवक पुल का उद्घाटन करने वाले हैं। ये पुल सेना को कम समय में हथियारों और सैनिकों को सीमा तक ले जाने में मदद करेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में क्या-क्या शामिल?
63 पुल, 22 सड़कें, एक सुरंग, दो एयरफील्ड और दो हेलीपैड शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स को तैयार करने में सरकार ने 8000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हर प्रोजेक्ट्स के साथ ही भारत और चीन के बीच का इंफ्रास्ट्रक्चर गैप कम होते जा रहा है।
सीमा पर हर एक नए प्रोजेक्ट्स के साथ हम चीन के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर गैप कम करते जा रहे हैं। आने वाले कई सालों में कई और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।