G20 Summit: चीन और रूस से मनवाई अपनी बात, G20 में भारत कर रहा शानदार प्रदर्शन

भारत में आयोजित जी 20 सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने भारत के विचारों को सराहा। 100 से अधिक मुद्दो पर आम सहमति बनी वो भी उस समय जब अमेरिका-चीन के बीच तनाव चरम पर है। रूस- यूक्रेन एक दूसरे से उलझे हुए हैं।
भारत के मध्यम मार्ग से बन गई सहमति
समिट से पहले वाली रात भारत ने सदस्य देशों के साथ आपसी बातचीत में कूटनीति का सफल प्रयोग किया। सदस्य देशों में चीन, यूक्रेन-रूस के मुद्दे पर असहमति के कई बिंदु थे, खासतौर से यूक्रेन के मुद्दे पर चीन के रुख में बड़ा बदलाव नजर आया। उससे पहले वो रूस के रुख को ज्यादा महत्व दे रहा था। अब जब चीन का नजरिया बदला तो रूस के लिए अकेले प्रतिवाद करना संभव नहीं रहा। रूस को संकेत दिया कि एक तरफा कोई बात नहीं की जाएगी अगर सदस्य देश लचीला रुख अपनाएंगे तो उसका रुख भी लचीला बना रहेगा।
सऊदी अरब की चिंता पर विशेष ध्यान
फॉसिल फ्यूल के मुद्दे पर अमेरिकी और यूरोपीय देशों के रुख से सऊदी अरब को पहले से ऐतराज है। सऊदी अरब का मानना है कि अगर कोई फैसला जल्दबाजी में लिया गया तो उसका असर उसके हितों पर पड़ेगा। भारत ने कहा कि ऊर्जा संकट और ऊर्जा दोनों विषय दुनिया के सभी मुल्कों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
पश्चिमी देश इस तरह मान गए
चीन और रूस के बाद अमेरिकी देशों को समझाने की कोशिश की गई। भारत ने कहा कि यूक्रेन के साथ विवाद वाले विषय पर रूस के खिलाफ एक तरफा नजरिया रखना सही नहीं होगा। विदेश मंत्री डॉ एस जयशकंर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और रूस का रुख बदला। पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात के बाद अमेरिका के रुख में भी नरमी आई जिसका असर घोषणापत्र में नजर आता है।