Chandrayan 3 - चंद्रयान-3 के रोवर ने लैंडर की पहली फोटो भेजी , चंद्रमा की सतह पर ड्रिलिंग करता दिखा लैंडर

Chandrayan 3 - चंद्रयान-3 के रोवर ने लैंडर की पहली फोटो भेजी , चंद्रमा की सतह पर ड्रिलिंग करता दिखा लैंडर

 
c

चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की है। रोवर पर 2 नेविगेशन कैमरे लगे हैं जिनसे ये फोटो क्लिक की गई है। इसमें विक्रम लैंडर पर लगा पेलोड 'चास्टे' सतह पर ड्रिलिंग करता दिख रहा है। ये पेलोड सतह और गहराई में तापमान मापता है। इसरो ने लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद लैंडर से रोवर के बाहर आने की पुष्टि की थी। 

चांद के साउथ पोल पर सल्फर की मौजूदगी

चांद के साउथ पोल पर सल्फर की मौजूदगी है। चंद्रमा की सरफेस पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी का भी पता चला है। मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद हैं, हाइड्रोजन की खोज जारी है। अब तक कुल 9 एलिमेंट चांद की मिट्टी में मिले हैं। प्रज्ञान रोवर पर लगे LIBS यानी लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप पेलोड ने ये ऑब्जर्वेशन भेजे हैं।

इस ऑक्सीजन से सीधे सांस नहीं ले सकते

चांद की मिट्टी पर मिली ऑक्सीजन उस फॉर्म में नहीं है कि सीधे सांस ली जा सके। ये ऑक्साइड फॉर्म में है। इससे पहले नासा ने भी चंद्रमा की मिट्टी में ऑक्सीजन का पता लगाया था। ऑक्साइड एक केमिकल कंपाउंड की कैटेगरी है। इसकी संरचना में एलिमेंट के साथ एक या ज्यादा ऑक्सीजन एटम होते हैं। इसरो ऑक्सीजन मिलने के बाद अब H यानी हाइड्रोजन की खोज कर रहा है।

इस प्रयोग में होता है लेजर का इस्तेमाल

इस प्रयोग में हाई-फोकस्ड लेजर का इस्तेमाल किया जाता है। सरफेस के गरम होने से प्लाज्मा बनता है। इसी से बने स्पेक्ट्रम की स्टडी कर एलिमेंट का पता लगाया जाता है। अलग-अलग एलिमेंट के अलग-अलग स्पेक्ट्रम होते हैं।

alsoreadUPI Payment Will Be Possible In New Zealand - न्यूजीलैंड में भी शुरू हो सकती है UPI पेमेंट सिस्टम , ट्रेड मिनिस्टर्स के बीच बातचीत पर सहमति बनी

1 सेमी प्रति सेकेंड की गति से चलता है रोवर

प्रज्ञान रोवर का वजन 26 किलो है। ये 1 सेमी प्रति सेकेंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल करता है।

From Around the web