चीन के लिए आसान नहीं ताइवान पर जीत , गुरिल्ला युद्ध में माहिर हैं 35 लाख ताइवानी

चीन की तमाम धमकियों के बावजूद नैंसी पेलोसी ताइवान आईं और पूरा एक दिन गुजारकर वापस चली गईं पेलोसी की यात्रा से बौखलाया चीन अब ताइवान पर हमला भी कर सकता है चीनी सेना ने ताइवान के चारों तरफ मिलिट्री ड्रिल भी शुरू कर दी है नैंसी पेलोसी का ताइवान जाना चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व को चुनौती है इसी साल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस होनी है जिसमें शी जिनपिंग लगातार तीसरा राष्ट्रपति कार्यकाल पाने का दावा करेंगे ऐसे में पेलोसी की यात्रा शी के दावे को कमजोर करने की है इसलिए वह इस कदम का कड़ा जवाब दे सकते हैं
पेलोसी के जाते ही चीन ने नॉर्थ साउथ-वेस्ट और साउथ-ईस्ट में ताइवान के जल और हवाई क्षेत्र में मिलिट्री ड्रिल यानी सैन्य अभ्यास की घोषणा कर दी है असली हथियारों और गोला-बारूद से ये अभ्यास इस पूरे हफ्ते तक किया जाएगा सैन्य अभ्यास के दौरान लॉन्ग रेज लाइव फायर शूटिंग की जाएगी साथ ही मिसाइल का भी टेस्ट होगा
ताइवान को ज्यादातर देश चीन का हिस्सा मानते हैं अमेरिका का भी ताइवान के साथ आधिकारिक रूप से राजनयिक संबंध नहीं हैं लेकिन अमेरिका ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत उसे हथियार बेचता है इस कानून में कहा गया है कि वो ताइवान की आत्मरक्षा के लिए जरूरी मदद देगा
पिछले कुछ सालों से ताइवान ने अमेरिका से दर्जनों एडवांस फाइटर जेट खरीदे हैं स्वदेशी AIDC F-CK-1 चिंग कुओ फाइटर जेट भी बनाया है ताइवान ने अपने एयरक्राफ्ट को सबसे ज्यादा सुरक्षा वाले बेस में रखा है अमेरिका ने युद्ध की स्थिति में ताइवान को डिफेंस सिस्टम और इंटेलिजेंस सपोर्ट देने की बात कही है इन सभी उपायों से ताइवान को चीन को यह संदेश देने में मदद मिलेगी कि यदि युद्ध होता है तो यह लंबा, महंगा और काफी खून-खराबे वाला होगा