दिल्ली-एनसीआर में फिर हिल रही है धरती, जानें क्यों और कैसे आते हैं भूकंप, समझें पूरा विज्ञान
Updated: Nov 13, 2022, 15:34 IST

ऐसा माना जाता है कि दुनिया भर में हर साल 20000 से ज्यादा भूकंप आते हैं। इसके अलावा, यह भी एक सच्चाई है कि भूकंप के झटके लाखों बार आते हैं लेकिन ज्यादातर झटके इतने हल्के होते हैं कि वे सीस्मोग्राफ पर दर्ज नहीं होते हैं।दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कुछ राज्यों में शनिवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई। भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किमी गहराई में था। भूकंप के झटके शाम 7 बजकर 57 मिनट पर महसूस किए गए। भूकंप के कारण संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं थी। भूकंप के झटके तीन दिन पहले भी महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र नेपाल में था।पड़ोसी देश में आए इस भूकंप में छह लोगों की मौत हो गई। नेपाल में एक हफ्ते में तीसरी बार भूकंप आया है। तो सवाल यह है कि भूकंप कैसा है? ऐसा माना जाता है कि दुनिया भर में हर साल 20000 से अधिक भूकंप आते हैं। इसके अलावा यह भी एक सच्चाई है कि भूकंप के झटके लाखों बार आते हैं लेकिन ज्यादातर झटके इतने हल्के होते हैं कि सिस्मोग्राफ में रिकॉर्ड नहीं हो पाते। क्या है इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण, आइए समझने की कोशिश करते हैं।
भूकंप कैसे आते हैं?
भूकंप के विज्ञान को समझने से पहले हमें पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेटों की संरचना को समझना होगा। भूविज्ञान के विशेषज्ञ और एक निजी विश्वविद्यालय में शिक्षक डॉ. गुंजन राय का कहना है कि हमारी पृथ्वी 12 टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है उसे भूकंप कहते हैं।डॉ. राय के अनुसार, पृथ्वी के नीचे मौजूद ये प्लेटें बहुत धीमी गति से घूमती हैं। ये प्लेटें हर साल अपने स्थान से 4-5 मिमी हिलती हैं। इस समय प्लेट किसी से दूर जाती है तो कोई किसी के नीचे से फिसल जाता है। इस दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आते हैं।