Bollywood - राजेश खन्ना ने मरते दम तक नहीं की शत्रुघन सिन्हा से बात , कभी थे दोनों जिगरी दोस्त

Bollywood - राजेश खन्ना ने मरते दम तक नहीं की शत्रुघन सिन्हा से बात , कभी थे दोनों जिगरी दोस्त

 
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शत्रुघन सिन्हा ने इंडस्ट्री में नाम कमाने के बाद राजनीति का रुख कर लिया। इनका जन्म 15 जुलाई 1946 को बिहार के पटना जिले में हुआ था। शत्रुघन सिन्हा कायस्थ परिवार से आते हैं। सबसे छोटे शत्रुघन परिवार में सबसे लाड़ले और नटखट रहे हैं। शत्रुघन के पिता भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा डॉक्टर थे। भुवनेश्वरी के 4 बेटे हुए जिनके नाम राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन रखे गए। 

भुवनेश्वरी अपने 2 बेटों को साइंटिस्ट और 2 को डॉक्टर बनाना चाहते थे। शत्रुघन के 2 बड़े भाई साइंटिस्ट बन गए और एक बड़ा भाई डॉक्टर बन गया। शत्रुघन सिन्हा को बचपन से ही मिमिक्री और एक्टिंग का शौक था। शत्रुघन ने पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखने का फैसला लिया।  शत्रुघन सिन्हा ने 1970 में फिल्म प्रेम पुजारी में पहली बार एक्टिंग की थी। 

ये है गुस्से की पूरी कहानी

शत्रुघन सिन्हा ने 1992 में अपने सालों पुराने दोस्त राजेश खन्ना के खिलाफ दिल्ली से उपचुनाव में पर्चा भर दिया था। जब राजेश खन्ना को इस बारे में पता चला तो उन्हें काफी बुरा लगा। राजेश खन्ना कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ रहे थे। शत्रुघन सिन्हा भाजपा की तरफ से थे। इस चुनाव में राजेश खन्ना 25 हजार वोटों के अंतर से जीत गए थे। इसके बाद राजेश खन्ना ने शत्रुघन सिन्हा से मरते दम तक बात नहीं की। शत्रुघन सिन्हा ने कई बार कोशिश भी की लेकिन राजेश खन्ना ने उन्हें माफ नहीं किया।alsoreadRaj Kumar - ये हैं बॉलीवुड के 'अक्खड़' एक्टर, कई फिल्मी हस्तियों को कर चुके हैं जलील , लिस्ट में दूसरा नाम देखकर रह जाएंगे हैरान 

शत्रुघन सिन्हा ने खुद सुनाया किस्सा

कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में शत्रुघन ने इसका जिक्र किया था। बाद में यही किस्सा शत्रुघन सिन्हा के साथ भी दोहराया गया है। शत्रुघन सिन्हा के खिलाफ शेखर सुमन ने चुनाव लड़ा था। 2014 में हुए चुनावों में शत्रुघन सिन्हा पाटिलपुत्र सीट से लडे थे। यहीं से शेखर सुमन ने भी पर्चा भर दिया। शत्रुघन सिन्हा यह चुनाव जीत गए थे। शेखर सुमन को इसमें हार का सामना करना पड़ा था। 

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