जानिए क्या है भारत का नया कार सुरक्षा रेटिंग प्रोटोकॉल?

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को यात्री कारों के लिए एक नई सुरक्षा रेटिंग प्रणाली शुरू की। यह 1 अक्टूबर से लागू होगा। यह घोषणा नई दिल्ली में भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) के लॉन्च के दौरान की गई थी।
भारत एनसीएपी के प्रभावी होने के साथ, भारत अपनी कार दुर्घटना परीक्षण रेटिंग प्रणाली वाला दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत परीक्षण की गई कारों में भारत एनसीएपी लोगो के साथ-साथ एक स्टिकर भी होगा, जो इसकी रेटिंग प्रदर्शित करेगा।
भारत एनसीएपी कार्यक्रम के तहत, एक कार के परीक्षण की लागत लगभग ₹ 60 लाख है। इसी तरह के परीक्षण अगर विदेश में किए जाएं तो इसकी कीमत ₹ 2.5 करोड़ होती है।
ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (एआईएस) 197 के अनुसार, कार निर्माता स्वेच्छा से अपनी कारों को परीक्षण के लिए पेश कर सकते हैं। परीक्षण में कार के प्रदर्शन के आधार पर, उन्हें वयस्क अधिभोगियों (एओपी) और बाल अधिभोगियों (सीओपी) के लिए स्टार रेटिंग मिलेगी।
भारत एनसीएपी के पैरामीटर
कार की संरचनात्मक सुरक्षा
सक्रिय और निष्क्रिय सुरक्षा सहायता प्रौद्योगिकियों का प्रावधान
पैदल यात्री-अनुकूल डिज़ाइन
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा लॉन्च किए गए भारत एनसीएपी का उद्देश्य भारत में मोटर वाहनों के सुरक्षा मानकों को 3.5 टन तक बढ़ाकर सड़क सुरक्षा में सुधार करना है।
नितिन गडकरी ने कहा, ''यह वह समय है जब हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हम लोगों की जान कैसे बचाएं और उसके लिए सड़क सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। सड़क इंजीनियरिंग कहीं न कहीं एक बड़ी समस्या है; विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से गलत पद्धति है। हम अपने इंजीनियरों को सड़क इंजीनियरिंग में दोहराई जा रही गलतियों के बारे में शिक्षित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।''
श्री गडकरी ने कहा कि विभिन्न कार निर्माताओं के 30 मॉडल पहले ही परीक्षण के लिए स्वेच्छा से पंजीकृत हो चुके हैं।
भारत में अनिवार्य कार सुरक्षा सुविधाएँ
ड्राइवर के साथ-साथ यात्री (आगे और पीछे) के लिए एयरबैग अनिवार्य कर दिया गया है।
कुछ वाहनों में रिवर्स पार्किंग सेंसर, कैमरे, स्पीड अलर्ट सिस्टम, स्किटिंग और नियंत्रण खोने से रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता, व्हील लॉक-अप को रोकने, स्टीयरिंग नियंत्रण बनाए रखने, सीट बेल्ट रिमाइंडर और लॉक-ब्रेकिंग सिस्टम भी आवश्यक हैं।
नई कार परीक्षण का महत्व
भारत एनसीएपी के तहत नए सुरक्षा मानदंड भारतीय कारों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेंगे। इससे घरेलू कार निर्माताओं की निर्यात क्षमता बढ़ेगी और देश में सुरक्षा के प्रति संवेदनशील कार बाजार भी विकसित होगा।
हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं और सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 मौतें होती हैं। सड़कों पर प्रतिदिन लगभग 1,100 दुर्घटनाएँ और 4,00 मौतें होती हैं। ये आंकड़े साबित करते हैं कि भारत एनसीएपी प्रणाली समय की मांग है और यह गेम चेंजर हो सकती है।