Bharat NCAP - जाने Test से जुड़ी ये 10 बातें, कैसे निर्धारित होगी कारों की सेफ्टी रेटिंग

सुरक्षित वाहनों को लेकर लोग जागरुक हो रहे हैं। जब हम कोई नई कार खरीदने जाते हैं, तो ये देखते हैं कि उसे कितने स्टार की सेफ्टी रेटिंग मिली है। हाल ही में Bharat NCAP के शुरुआत की घोषना की गई है। ये 1 अक्टूबर से काम करना शुरू कर देगा। आइए, BNCAP की प्रक्रिया को समझ लेते हैं-
-किसी भी कार को अडल्ट सेफ्टी के मामले में 5-स्टार रेटिंग पाने के लिए 27 प्वाइंट्स हासिल करने होंगे।
-अगर कोई कार चाइल्ड सेफ्टी के मामले में 41 प्वाइंट अर्जित करती है, तो उसे 5-स्टार दिए जाएंगे।
-क्रैश टेस्टिंग में कुल 3 तरह से टेस्ट होगा। इसमें फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट, साइड इम्पैक्ट टेस्ट और पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट शामिल है।
-क्रैश टेस्ट में जाने वाली कारों के अंदर एयरबैग, ESC फीचर और सीटबेल्ट होना अनिवार्य है।
-गाड़ियों के बेस वेरिएंट का क्रैश टेस्ट किया जाएगा और उसके आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएगी।
-कार में फ्रंट इम्पैक्ट के लिए 64 KMPH,साइड इम्पैक्ट के लिए 50 KMPH और पोल साइड इम्पैक्ट के लिए 29 KMPH की गति सीमा निर्धारित की गई है।
-डीजल-पेट्रोल कारों के साथ सीएनजी, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों का भी क्रैश टेस्ट होगा।
-इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर 2023 से होने वाली है और कई OEMs टेस्टिंग के लिए आवेदन भी कर चुकी हैं।
-Bharat NCAP की शुरुआत करने के बाद इंडिया ऐसा करने वाला दुनियां का पांचवा देश बन गया है।
-Bharat NCAP का मुख्य उद्देश्य भारतीय ग्राहकों को सुरक्षा प्राप्त कराना है।