Cyber-security-in-vehicles- आपकी कार पर है हैकर्स की नजर, कहीं आपके लिए पड़ न जाए भारी

लगातार बढ़ रही तकनीक के साथ सुरक्षा में खतरा पनप रहा है। इस समस्या का सामना ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी करना पड़ रहा है। कार निर्माता किसी भी प्रोडक्ट को अपने ग्राहकों के बीच पेश करती है और वो उत्पाद बिना किसी समस्या से पूरी तरह काम कर पाता है। ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपने वाहनों के लिए साइबर सिक्योरिटी को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं कि क्या सच में आपके वाहन के लिए साइबर सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है?
साइबर सिक्योरिटी का खतरा?
आधुनिक वाहनों में साइबर थ्रेट्स का खतरा सॉफ्टवेयर कोड की संख्या बढ़ने के साथ बढ़ता है। ये कॉमप्लेक्स कोड धीरे-धीरे जमा होते रहते हैं और इन कोड्स की प्रचुरता साइबर हमलों के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करती है। साइबर हमले न केवल वाहन के सिस्टम में घुसपैठ कर सकते हैं, बल्कि बैकएंड और थर्ड-पार्टी सर्वर तक भी पहुंच सकते हैं।
Electric Vehicle को ज्यादा खतरा
रैंसमवेयर हमले वाहन के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। इनकी मदद से कार की स्टीयरिंग, ब्रेकिंग और इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ-साथ घरेलू ईवी चार्जिंग को निशाना बनाया जा सकता है। बिना चाबी कंट्रोल सिस्टम की शुरूआत ने हैकिंग को वाहनों पर साइबर हमलों का एक सामान्य उदाहरण बना दिया है। जब ईवी को सार्वजनिक चार्जर से जोड़ा जाता है तो ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है और सॉफ्टवेयर का भी आदान-प्रदान होता है जिससे हैकर्स के लिए घुसपैठ करना आसान हो जाता है।
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साइबर हमले से कैसे बचेगी कार?
कार निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन का इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम मजबूत हो और वाहन के जीवन की हर स्टेप में साइबर सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठा जाएं। उन्हें पूरी प्रक्रिया के दौरान व्यापक साइबर-थ्रेट मैनेजमेंट लागू करना चाहिए।