Periods - अमेरिका में पीरियड्स पर बात करना हो सकता है बैन, एक बच्ची की खुदकुशी से है लेना-देना?

आज से करीब 85 साल पुरानी बात है, जब दुनिया पहले विश्व युद्ध से निकलकर दूसरे वॉर में जा रही थी तब पीरियड्स पर बात भी नहीं होती थी। इसी समय ब्रिटेन में एक घटना हुई। 13 साल की एक बच्ची ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उसे पहली बार पीरियड्स आए थे।
पीरियड्स को माना शर्मनाक बीमारी
बच्ची ने मरने से पहले अपने माता-पिता को एक चिट्ठी लिखी। उसने लिखा कि उसे कोई शर्मनाक बीमारी हो चुकी है जो शायद उसकी किसी गलती की सजा है। यही मानते हुए उसने खुदकुशी कर ली। बच्ची को अंतिम संस्कार के लिए चर्च ऑफ इंग्लैंड ले जाया गया। चर्च के अधिकारी चड वेराह को ये बात पता लगी और उन्होंने तय कर लिया कि पेरेंट्स की चुप्पी की सजा बच्चियों को नहीं मिलनी चाहिए।
एक चैरिटी शुरू हुई जिसका नाम था- समेरिटन्स ऑफ रोड आइलैंड। इसके लिए लिखे जर्नल में उन्होंने माना कि कैसे एक लड़की ने एक कुदरती प्रक्रिया से डरकर अपनी जान दे दी सिर्फ इसलिए कि उसे इस बारे में कुछ पता नहीं था। अगर माता-पिता या स्कूल ने इस बारे में जानकारी दी होती, तो बच्ची जिंदा होती।
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पीरियड्स एजुकेशन को करना चाहते हैं बैन
फ्लोरिडा में मौजूदा रिपब्लिकन सरकार के अधिकारियों ने एक लॉ बनाने की बात की है जिससे 6वीं क्लास तक लड़कियों को पीरियड्स के बारे में कुछ न बताया जाए। इसमें बच्चे 12 से 13 साल के होते हैं। उनका मानना है कि इससे नाजुक दिमाग वाले बच्चों पर गलत असर पड़ता है और फ्यूचर खराब हो सकता है।
क्यों दिख रही है अर्ली प्यूबर्टी?
वैज्ञानिकों का मानना है कि कई वजहें इसके लिए जिम्मेदार हैं जैसे मिलावटी खाना और दूध। वजन ज्यादा होने पर भी लड़कियों को जल्दी पीरियड्स आते हैं। जो लड़कियां घरेलू हिंसा और घर में बिना बायोलॉजिकल पिता के बड़ी होती हैं उनके पीरियड्स अन्य लड़कियों की तुलना में पहले होने की संभावना अधिक होती है। रिप्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन्स का विकास मस्तिष्क में होता है और यही अर्ली प्यूबर्टी के लिए जिम्मेदार होते हैं।