No-wash - अंडरवियर न धोने और न बदलने का चालू हुआ ट्रेंड , कपड़ों से बदबू आने पर छिड़कते हैं वोदका या सिरका

आजकल पश्चिमी देशों में कपड़े न धोने का एक अभियान चल पड़ा है। इस अभियान के तहत एक साल तक बिना धोए कपड़े पहनने का ट्रेंड है। 'नो वॉश क्लब' बनाकर उसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की मुहिम चल रही है। इस क्लब में मेंबर महीनों तक बिना धोए कपड़े पहनते हैं और इसके लिए लोगों को प्रेरित करने का काम भी करते हैं।
कपड़े धोने से 90 लाख प्लास्टिक माइक्रोफाइबर्स पर्यावरण में घुल जाते
ये बात महंगे कपड़ों पर पूरी तरह से लागू होती है कि क्योंकि उनमें सिंथेटिक मैटेरियल जैसे पॉलिएस्टर और एक्रेलिक होते हैं। हर बार जब हम कपड़े धोते हैं तो 90 लाख प्लास्टिक माइक्रोफाइबर्स पर्यावरण में घुल जाते हैं। हम जिस तरह अपने कपड़े धोते हैं, उससे हमारा पर्यावरण और हमारे कपड़े प्रभावित होते हैं।’
'ब्रा' बार-बार नहीं बदलती हूं- मेक्कार्टनी
मेक्कार्टनी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मैं अपनी ब्रा बार-बार नहीं बदलती हूं। मशीन में ब्रा धुलने से उसमें लगा सिल्क का कपड़ा और लेस जल्दी खराब हो जाते हैं। साथ ही उसमें लगे तार निकल सकते हैं। कलर धुंधले पड़ जाते हैं और अगर उसमें कप है तो वह पूरी तरह से बेकार हो जाता है।
डिजाइनर नेओमी डे हान कहती हैं कि जो महिलाएं महंगे ब्रांड की 'ब्रा' खरीदती हैं उन्हें ब्रा को हाथ से गुनगुने पानी में धोना चाहिए और इसके लिए बेबी शैंपू इस्तेमाल करना चाहिए। सस्ती ब्रा को भी कम ही धोना चाहिए। स्पोर्ट्स ब्रा को अक्सर धोने की जरूरत पड़ती है।
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कपड़े की बदबू दूर करने के लिए छिड़क दिया सिरका
चेल्सी कहती हैं- ‘गर्मियों के दौरान मैं मिडिल ईस्ट घूमने निकली। तब मैंने ब्रायन साबो की तरह कपड़े पूरी तरह न धोने की ट्रिक अपनाई। कपड़ों को रात भर खुले में सुखाती या फिर बदबू खत्म करने के लिए सिरका और वोदका का स्प्रे कर देती। इस तरह सुबह तक मेरे कपड़े शानदार स्थिति में मिलते।’