जानिए भारत में रेलवे के नाम कैसे तय किए जाते हैं ,जाने पूरी गणित

जानिए भारत में रेलवे के नाम कैसे तय किए जाते हैं ,जाने पूरी गणित

 
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भारत में जितनी भी ट्रेनें चलती हैं जिनसे लाखों लोग रोजाना सफर करते हैं, लेकिन उन सभी ट्रेनों का कोई न कोई नाम जरूर होता है। उसी नाम की वजह से लोग उस ट्रेन के बारे में जानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन का नाम भारतीय रेलवे कैसे तय करता है।

भारत में फिलहाल 13,452 पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं, जिनसे रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। इसके अलावा वर्तमान में भारतीय रेलवे के पास भी 9,141 मालगाड़ियां हैं, अगर इन दोनों को जोड़ दें तो भारतीय रेल के पास कुल 22,593 ट्रेनें हैं। लेकिन आपने शायद ही कभी सोचा होगा कि ट्रेन का नाम कैसे तय होता है तो चलिए अब इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

भारतीय ट्रेनों का नाम किस आधार पर रखा जाता है?

 

भारत में ट्रेन का नामकरण करने से पहले तीन बातों का ध्यान रखा जाता है, जिसमें राजधानी, स्थान और स्थान शामिल हैं। इन तीन श्रेणियों के आधार पर ट्रेन का नाम भारतीय रेलवे द्वारा रखा जाता है। उदाहरण के लिए अगर हम राजधानी एक्सप्रेस को देखें तो इसका नाम राजधानी इसलिए पड़ा क्योंकि यह ट्रेन भारत की राजधानी दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों को जोड़ने का काम करती है।

ट्रेन की रफ्तार

 

इसके अलावा इस ट्रेन की रफ्तार भी काफी तेज है, जिसके चलते इसका नाम राजधानी एक्सप्रेस भी रखा गया है। वहीं, कुछ ट्रेनों के नाम कामाख्या-कटरा जैसी जगह के हिसाब से रखे गए हैं। इसके नाम से ही पता चल जाता है कि यह ट्रेन कामाख्या से कटरा तक जाती है, इसीलिए इसका नाम उस जगह के नाम पर रखा गया है।

इस कैटेगरी में तीसरे नंबर पर लोकेशन को रखा गया है जो अपने लक्ष्य तक पहुंचती है। जैसे- ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस, चारमीनार एक्सप्रेस और रणथंभौर एक्सप्रेस आदि। इन ट्रेनों के नाम से ही पता चल जाता है कि ये किसी खास लोकेशन पर जाने वाली हैं।

एक ही नाम से कई ट्रेनें क्यों चलती हैं?

भारत में एक ही नाम से कई ट्रेनें चलती हैं, जिनमें राजस्थान संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और बिहार संपर्क क्रांति शामिल हैं। यह ट्रेन कई राज्यों में चलती है जिसके कारण इसका नाम एक ही है। इसके अलावा यह देश की राजधानी के साथ-साथ अन्य राज्यों को भी जोड़ने का काम करता है।

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