Indian Railway: ये है ट्रेन के डिब्बों के कलर का स्पीड कनेक्शन, जानें- लाल, नीले, हरे रंग में सबसे तेज कौन

भारतीय रेलवे ने अपने ट्रेनों को कई रंगों और तकनीकों के साथ डिजाइन किया है। कई ट्रेनों के रंग अलग अलग होते हैं। आप ट्रेन के कलर को देख कर उसकी स्पीड का पता लगा सकते हैं। आज हम यह जानेंगे कि ट्रेन के कलर को देख उसकी स्पीड का अंदाजा कैसे लगाएं।
शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में लाल रंग के कोच होते हैं
शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्यादातर लाल रंग के डिब्बे लगे होते हैं। इन कोचों को हाई स्पीड ट्रेनों में लगाया जाता है क्यूंकि ये हलके होते हैं। डिस्क ब्रेक के कारण आपात स्थिति में इन्हें तुरंत रोका जा सकता है। इन कोचों को साल 2000 में जर्मनी से लाया गया था। लाल रंग के कोच वाली ट्रेनों की गति 160 से 200 किमी प्रति घंटा तक होती है।
एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में नीले रंग के होते हैं कोच
ज्यादातर ट्रेनों में नीले रंग के डिब्बे लगे होते हैं। ये कोच एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में लगाए जाते हैं। ये लोहे के बने होते हैं इसलिए इनका वजन अधिक होता है। इन्हें रोकने के लिए एयरब्रेक का इस्तेमाल किया जाता है। इन कोच की 70 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार होती हैं।
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गरीब रथ ट्रेनों में हरे और भूरे रंग के कोच
भूरे रंग के डिब्बों का उपयोग छोटी लाइनों पर चलने वाली मीटर गेज ट्रेनों में किया जाता है। हरे रंग के कोच का इस्तेमाल ज्यादातर गरीबरथ ट्रेनों में किया जाता है। कई बार इस पर अलग-अलग तरह की पेंटिंग भी की जाती है जिससे कोच आकर्षक लगें।