इस मंदिर में लड्डू या फल नहीं प्रसाद में मिलते हैं नूडल्‍स और चॉकलेट, ऐसे हैं भारत के ये अनोखे मंदिर

इस मंदिर में लड्डू या फल नहीं प्रसाद में मिलते हैं नूडल्‍स और चॉकलेट, ऐसे हैं भारत के ये अनोखे मंदिर

 
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हमारे देश में कई सारे मंदिर हैं। इन मंदिरों में हजारों लोग पूजा करने के लिए जाते हैं। इन्‍हीं के बीच कुछ मंदिर ऐसे भी हैं, जहां लड्डू, खीर या नारियल का नहीं बल्कि ऐसी चीजों का भोग लगता है, जिनके बारे में आप कल्पना भी नहीं कर सकती हैं। केरल राज्य के बालसुब्रमण्यम मंदिर में भगवान को फल-फूल, लड्डू या कोई अन्य प्रसाद नहीं बल्कि चॉकलेट चढ़ाई जाती है और कहा जाता है कि प्रभु इससे खुश भी होते हैं। लेकिन आखिर क्यों भगवान को चॉकलेट चढ़ाई जाती है इसके बारे में हम आपको बताएंगे। 

चाइनीज काली मंदिर

कोलकाता के टांगरा इलाके में चाइनीज काली माता का मंदिर स्थित है। यहां काली मां को प्रसाद में नूडल्‍स और फ्राइड राइस का भोग लगाया जाता है। फिर यही नूडल्‍स और फ्राइड राइस प्रसाद के रूप में भक्‍तों को बांट दिए जाते हैं। इसी वजह से इस मंदिर का नाम चाइनीज काली मां पड़ गया है। 55 साल के पुजारी इसोन चेन इस मंदिर की देखभाल करते हैं।

केरल का यह अनोखा मंदिर

भारत का वेनिस नाम से मशहूर शहर अलेप्पी का थेक्कन पलानी बालसुब्रमण्यम मंदिर इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर श्रद्धालु भगवान मुरुगन की सेवा में चॉकलेट चढ़ाते हैं। भगवान की पूजा के बाद लोगों के द्वारा चॉकलेट प्रसाद के रूप में दी भी की जाती है।आपको बता दें कि इस मंदिर में भगवान मुरुगन के बालरुप की पूजा होती है और भगवान को 'मंच मुरगन' के नाम से जाना जाता है।अपनी श्रद्धा और विश्वास के अनुसार श्रद्धालु भगवान मुरगन की कृपा पाने के लिए कई डब्बे भर-भरकर चॉकलेट लाते हैं। मुख्य रूप से श्रद्धालु मंच चॉकलेट लेकर आते हैं और भगवान पर चढ़ाते हैं। माना जाता है कि चॉकलेट चढ़ाने की प्रथा बहुत पुरानी है और इससे श्रद्धालु की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।यहां शादी से पहले फिजिकल रिलेशन है क्राइम पर पैसे देकर अस्थाई विवाह करना है आम बात

क्या है चॉकलेट चढ़ाने के पीछे का कारण?

मान्यता है कि केरल के इस में मंदिर में एक छोटे से बच्चे ने भगवान के पास चॉकलेट चढ़ाई थी और वह उसी समय वह चॉकलेट गायब हो गई। आज तक किसी को पता नहीं चल पाया कि वो चॉकलेट कहां गई और कैसे गायब हो गई। यह बात आसपास के इलाकों में लोगों तक फैल गई। उसी के बाद जो भी भक्त यहां आने लगा वो चॉकलेट लेकर ही आता। भक्तों को विश्वास है कि चॉकलेट चढ़ाने से भगवान खुश होते हैं और मन्नत पूरी होती है। यह मंदिर 300 साल पुराना है और यहां श्रद्धालुओं की भीड़ भी लगती है। ऐसा भी माना जाता है कि भक्त यहां से कोई मान्यता मांगते हैं तो वह पूरी होने के बाद अपने वजन के बराबर की चॉकलेट चढ़ाते हैं।

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