हजारों वर्षों से देवी भगवती यहां कर रही हैं पहाड़ी इलाकों की रक्षा, दूर हो जाते हैं गंभीर हकलेपन की बीमारी

हजारों वर्षों से देवी भगवती यहां कर रही हैं पहाड़ी इलाकों की रक्षा, दूर हो जाते हैं गंभीर हकलेपन की बीमारी

 
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हिन्दू धर्म में कई दिव्य मंदिरों का उल्लेख मिलता है जो न सिर्फ रहस्यमयी हैं बल्कि उनसे जुड़ी मान्यताएं या कथाएं बहुत हैरत में डाल देने वाली हैं। ऐसा ही मंदिर है देवी मां का है जहां जाने वाला एक अद्भुत चमत्कार का साक्षी बनता है।उत्‍तराखंड में कई ऐसे मंद‍िर है ज‍िनके रहस्‍यों को समझ पाना क‍िसी के बस की बात नहीं है। बस सुनने और देखने के बाद ईश्‍वर के प्रत‍ि आस्‍था और भी बढ़ती जाती है। ऐसे ही एक मंद‍िर की कहानी हम यहां शेयर कर रहे हैं जो उत्‍तराखंड में ही है। इसे लेकर मान्‍यता है क‍ि देवी भगवती हजारों वर्षों से इन पहाड़ी इलाकों की रक्षा कर रही हैं। तो आइए इनके बारे में व‍िस्‍तार से जानते हैं…

मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में जाने वाला न सिर्फ चर्म रोगों से मुक्ति पा जाता है बल्कि अगर उसे हकलेपन की बीमारी है तो वह भी हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाती है। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में। 

तो इन वाद‍ियों में हैं देवी भगवती का दरबार

हम ज‍िस मंद‍िर के बारे में आपको बता रहे हैं वह नैनीताल में है। मंद‍िर को पाषाण देवी के नाम से जाना जाता है। यहां देवी के 9 रूपों के साथ दर्शन होते हैं। यहां नैनी झील के क‍िनारे एक चट्टान पर मां भगवती की आकृत‍ि बनी है। जो क‍ि प्रकृति के द्वारा ही न‍िर्मित है। मान्‍यता है क‍ि मातारानी हजारों वर्षों से यहां व‍िराजकर पहाड़ी इलाकों की रक्षा कर रही हैं। मंद‍िर में पर‍िसर में ही नौ पिंड‍ियां हैं, ज‍िन्‍हें माता के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है। इस मंद‍िर में माता रानी को लहंगा चुनरी की जगह स‍िंदूर का चोला पहनाया जाता है।mehandipur-balaji - ये है राजस्थान का रहस्यमयी मंदिर , जाने से पहले जान ले ये बात

इस मंदिर में आने वाले हर एक व्यक्ति का मानना है कि यहां मिलने वाला ये अभिमंत्रित जल त्वचा के रोग, वाणी के रोग, जोड़ों में दर्द, हाथ-पैरों में सूजन, हकलेपन आदि से छुटकारा दिलाने में बहुत लाभकारी है। इस जल को लोग अमृत के समान समझते हैं। इस मंदिर की एक मान्यता यह भी है कि यहां आने वाले लोग अपने आंतरिक विकार से भी निजात पा जाते हैं। इस मंदिर में मां भगवती यानी कि मां दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति और उसके परिवार के लोगों को निरोगी होने का वरदान मिलता है। खास बात यह है कि मां के इस जल को हर 10 दिन में एक बार निकाला जाता है। इस जल को निकालने के लिए दिन, वार और तिथि बाकायदा सुनाई जाती है जिसके बाद लोगों का तांता लगना शुरू हो जाता है।

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