बादशाह जहांगीर:दोस्त को तोहफे में दिया एक खूबसूरत पैलेस,इसकी खूबसूरती के आगे ताजमहल भी है फीका

बादशाह जहांगीर:दोस्त को तोहफे में दिया एक खूबसूरत पैलेस,इसकी खूबसूरती के आगे ताजमहल भी है फीका

 
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आपने बुंदेलखंड के इतिहास और इसके वीरों की गाथाओं के बारे में बहुत कुछ पढ़ा होगा। बुंदेला वीरों की अनेक गाथाओं के उदाहरण इतिहास के पन्नों में दिए जाते हैं। इन्हीं कहानियों में से एक है बुंदेला नरेश वीर सिंह जूदेव और अय्याश मुगल बादशाह जहांगीर की दोस्ती। अगर आप इस दोस्ती की मिसाल देखना चाहते हैं तो ओरछा आइए, जहां आपको 400 साल पुराना जहांगीर महल देखने को मिलेगा।

हिंदू-मुस्लिम सद्भाव का प्रतीक

यह जहांगीर महल आपको बताएगा कि कैसे एक हिंदू राजा ने 236 कमरों वाला यह महल अपने एक मुस्लिम बादशाह को तोहफे में दिया था। वही जहांगीर जो शराब और जवानी का शौकीन था। जूदेव के निमंत्रण पर वीर सिंह केवल एक रात ओरछा में रुके। उसी जहाँगीर के लिए बुंदेला राजा ने दोस्ती के धर्म का पालन करते हुए इस आलीशान महल का निर्माण करवाया था।

बुंदेलखंड की राजनीतिक राजधानी ओरछा में ये आलीशान घर

 

महल का निर्माण 22 वर्षों में पूरा हुआ था। भारत के अलग-अलग हिस्सों में कहीं-कहीं रानियों के लिए किसी राजा ने अपनी शान-ओ-शौकत दिखाने के लिए शानदार और खूबसूरत महल बनवाए थे। लेकिन बुंदेलखंड के राजा वीर सिंह जूदेव द्वारा बनवाया गया जहांगीर महल दोस्ती की निशानी है। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक ओरछा में हर साल हजारों पर्यटक इसके निर्माण के पीछे की कहानी को देखने, जानने और जानने आते हैं।

ओरछा के जहांगीर पैलेस को देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक आते हैं।

 

जहांगीर महल स्थापत्य कला का बेजोड़ प्रतीक है। ओरछा के जहांगीर महल की कहानी जितनी अनोखी है, दिखने में उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत है। महल में घूमते हुए आपको राजा वीरसिंह जूदेव के दर्शन, अपने मित्र के प्रति उनका प्रेम और बुंदेली और मुगल वास्तुकला का अनूठा सामंजस्य दिखाई देगा। करीब 400 साल पहले बने महल की नक्काशी और भव्यता अद्भुत है। आसमान छूती मीनारें, दीवारों पर उकेरी गई नक्काशी इस आलीशान महल की शान बयां करती है। सैकड़ों वर्ग फुट में फैला, जहांगीर महल स्थापत्य शैली का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसके खुले गलियारे, पत्थर की जाली और वास्तुकला आपका मन मोह लेंगी।

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