समुंदर के अंदर से दो देशों को जोड़ने के लिए बनाई जा रही है सुरंग,45 मिनट का सफर अब सिर्फ 7 मिनट में!

दुनिया की सबसे लंबी अंडरवाटर टनल डेनमार्क, जर्मनी के बीच बन रही है। बाल्टिक सागर से 40 मीटर नीचे बन रही यह अनोखी सुरंग। कहा जा रहा है की यह 2029 तक बनकर तैयार हो जाएगी। इसकी लागत हजारों करोड़ रुपये है। सुरंग के अंदर रेल और सड़क मार्ग दोनों का विकास किया जा रहा है। मार्क और जर्मनी के बीच दुनिया की सबसे लंबी पानी के भीतर सुरंग बनाई जा रही है। इस सुरंग के बनने से दोनों देश समुद्र के नीचे से एक दूसरे से जुड़ जाएंगे।
एक दशक की योजना के बाद, फेहमर्न बेल्ट टनल का निर्माण 2020 में शुरू हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, इस सुरंग की लंबाई 18 किमी होगी। इसे यूरोप की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना माना जाता है। इस सुरंग के निर्माण में 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। बाल्टिक सागर के अंदर 40 मीटर अंदर बन रही यह सुरंग जर्मनी के फेहमर्न और डेनमार्क के लॉलैंड द्वीप को सीधे जोड़ेगी।इस समय दोनों देशों के बीच साल भर में करोड़ों लोग नाव से यात्रा करते हैं।
नाव से यात्रा करने में 45 मिनट लगते हैं। सुरंग बनने के कारण यह दूरी ट्रेन से 7 मिनट में और कार से 10 मिनट में तय की जाएगी।यह दुनिया की सबसे लंबी रेल और सड़क सुरंग होगी। इसमें दो डबल रोड लेन होंगी, सर्विस लेन अलग होगी। दो इलेक्ट्रिक रेल ट्रैक होंगे। बताया जा रहा है की ट्रेन से कोपेनहेगन से हैम्बर्ग की दूरी तय करने में आज के समय में करीब साढ़े चार घंटे का समय लगता है। लेकिन, इस सुरंग के निर्माण से दूरी तय करने में 2 से ढाई घंटे का समय लगेगा।
यह स्कैंडिनेविया और मध्य यूरोप के देशों को जोड़ेगा। यह सुरंग रेल और सड़क मार्ग से माल की ढुलाई करेगी। परिवहन के इस साधन को हवा के लिहाज से भी काफी अनुकूल माना जाता है। चैनल टनल 1993 में बनाई गई थी, यह 50 किलोमीटर लंबी थी जो इंग्लैंड-फ्रांस को जोड़ती थी। अगर यह सुरंग आज के समय में बन जाती तो इसकी लागत करीब 109 करोड़ रुपये होती। चैनल टनल फेहमर्न बेल्ट टनल से लंबी है। चैनल टनल का निर्माण एक बोरिंग मशीन से किया गया था। वहीं फेहमर्न बेल्ट टनल के निर्माण में पहले से तैयार 'सुरंग सेक्शन' को पानी के नीचे लिया जाएगा। इन्हें जोड़कर ही सुरंग बनाई जाएगी।