Tobacco - अकबर के काल में शुरू हुआ तम्बाकू का नशा

Tobacco - अकबर के काल में शुरू हुआ तम्बाकू का नशा

 
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कहा जाता है कि जब अकबर के दरबार में वर्नेल नामक पुर्तगाली आया तो उसने अकबर को तंबाकू और बहुत सुन्दर बड़ी सी जड़ाऊ चिलम भेंट की। अकबर को चिलम बहुत पसन्द आई और उसने चिलम पीने की तालीम भी उसी पुर्तगाली से ली। अकबर को धूम्रपान करते देखकर उसके दरबारियों को बहुत आश्चर्य हुआ। इस प्रकार भारत में सन् 1609 के आस-पास धूम्रपान की शुरूआत हुई। तंबाकू को सबसे पहले अकबर का एक उच्च अधिकारी बीजापुर से लाया था। उसने सौगात के तौर पर अकबर को ये भेंट किया था। इसके बाद भारत के लोगों ने तंबाकू को चिलम में रखकर पीना शुरू किया।

मुगलकाल में हुक्‍के की शुरुआत

भारत में हुक्के की शुरुआत मुगलकाल के दौरान हुई थी। 15वीं सदी में अकबर के शासनकाल में अब्दुल नाम के एक कारीगर ने हुक्के का आविष्कार किया था। उनका कहना था कि पानी के माध्यम से होने वाले धूम्रपान से सेहत को कोई नुकसान नहीं होता है। 

अमेरिका, इंग्‍लैंड से आए बीड़ी-सिगरेट

प्रारंभ में अमेरिका में लोगों ने तंबाकू को पत्ते में लपेटकर बीड़ी के रूप में पिया। इंग्लैंड के लोगों ने तंबाकू को कागज में लपेटकर सिगरेट के रूप में इस्तेमाल किया।alsoreadमुगल बादशाह के लिए कश्मीर से मंगाई जाती थी बर्फ, जानिए इनके किस्से

धूम्रपान पर भारत और तुर्की में थी ये सजा

भारत में जहांगीर ने तंबाकू का प्रयोग करने वालों के लिए एक सजा निर्धारित की थी। धूम्रपान करने वाले आदमी का मुंह काला करके गधे पर बैठाकर पूरे नगर में घुमाया जाता था। तुर्की में जो लोग धूम्रपान करते थे उनके होंठ काट दिए जाते थे। जो तंबाकू सूंघते थे उनकी नाक काट दी जाती थी।

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