Sula - देसी जुबान को लगाया वाइन का चस्का, जानिए इस स्वदेशी ब्रांड की कहानी

वाइन मेकिंग कंपनी सुला वाइनयार्ड्स इन दिनों चर्चाओं में है। इस कंपनी के आईपीओ जल्द ही लिस्ट होने वाले हैं। भारत में अधिकतर शराब प्रेमियों को वाइन के बजाए व्हिस्की, वोडका जैसे हार्ड लिकर ज्यादा पसंद आते हैं। पिछले कुछ सालों में हालात बदले हैं और उच्च मध्यमवर्ग में वाइन ने एंट्री ली है। सुला उन स्वदेसी ब्रांड में शुमार है जिसने वाइन को आम भारतीय लोगों के बीच पहुंचाने और इसे स्वीकार्य बनाने का काम किया है।
ऐसे पड़ी सुला कंपनी की नींव
राजीव सामंत ने 1999 में सुला वाइनयार्ड्स की स्थापना की थी। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई और कैलिफोर्निया में कुछ वक्त नौकरी की। जब वह भारत लौटे तो उनका मकसद अपना बिजनेस शुरू करना था। भारत आने के बाद जब वह नासिक स्थित अपनी पैतृक जमीन देखने गए तो उन्हें वाइन इंडस्ट्री में कदम रखने का आईडिया आया।
सामंत जानते थे कि नासिक की हवा वाइन तैयार करने में इस्तेमाल अूंगरों के उत्पादन के बिलकुल माकूल है। कारोबार में कदम रखने से पहले सावंत ने कुछ समय अपने दोस्त केरी डेम्सकी के कैलिफोर्निया स्थित वाइनरी में भी बिताया। केरी उनकी कंपनी सुला के मास्टर वाइनमेकर भी बने। दोस्त की वाइनरी में काम करने से मिले अनुभव के बाद उन्होंने 30 एकड़ में फैली पैतृक जमीन पर सूला वाइनयार्ड्स की नींव रखी।
लाखो लोग आते है घूमने
सुला को वाइन टूरिज्म बिजनेस को बढ़ावा देने का भी क्रेडिट दिया जा सकता है। नासिक स्थित कंपनी की वाइनरी में हर साल लाखों लोग घूमने जाते हैं। 2018 में यहां साढ़े 3 लाख लोग घूमने पहुंचे थे। यहां लोग अंगूर के बाग घूमने के अलावा सैंपल वाइन भी चखते हैं। कंपनी ने भारत में पहली बार कैन में बंद वाइन 2020 में पेश किया।alsoreadRed Wine - रेड वाइन से मिलते हैं अद्भुत फायदे, लेकिन ध्यान रखें एक बात