Urinal - कुत्ते से इंस्पायर होकर वैज्ञानिकों ने बनाया खास तरह का यूरिनल, अब नहीं पड़ेंगे छींटे

Urinal - कुत्ते से इंस्पायर होकर वैज्ञानिकों ने बनाया खास तरह का यूरिनल, अब नहीं पड़ेंगे छींटे

 
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यूरिनल में एक समस्या का सामना हर पुरुष को करना पड़ता है। वो है स्प्लैश-बैक यानी छींटे आना। पुरुषों के यूरिनल इस आकार के बने होते हैं कि छींटे लौटकर आ सकते हैं। इसलिए उन्हें बड़े ध्यान से ये काम करना होता है कि कहीं कपड़ों पर छींटे न आ जाएं। 

खास डिज़ाइन त्यार किया गया है 

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एक ऐसे 'स्प्लैश-फ्री यूरिनल' का डिज़ाइन तैयार किया गया है जिसमें यूरिन के छींटे नहीं आते फिर चाहे निशाना कहीं भी लगाया जा रहा हो।  इस यूरिनल को खास तरीके से डिज़ाइन किया गया है। इसका मुंह काफी छोटा है और अंदर का हिस्सा घुमावदार, जिससे बूंदें बाहर नहीं जातीं। 

कुत्तो को किया गया स्टडी 

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यूरिनल के नए डिज़ाइन से बाथरूम साफ रहेंगे। इसकी साफ-सफाई में समय, मेहनत और कैमिकल भी कम लगेगा। इस यूरिनल को डिजाइन करने के लिए इस समस्या को एक कंप्यूटर मॉडल के साथ हल किया गया है। स्टडी किया गया कि कुत्ते यूरिन कैसे करते हैं। कुत्ते अपना पिछला पैर उठा लेते हैं ऐसा करके वे एक ऐसा एंगल बना लेते हैं जिससे वे उस जगह के सबसे करीब पहुंच जाते हैं जहां उन्हें यूरिन करना होता है। इससे छींटे नहीं आते।  

कई टेस्ट किये गए 

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कई यूरिनल पर टेस्ट किए। रंगीन लिक्विड को अलग-अलग गति और ऊंचाई से यूरिनल पर डाला गया ताकि ये पता चल सके कि किस तरीके से सबसे ज्यादा छींटे आते हैं। फैले हुए छींटों को एक पेपर टॉवल से साफ किया और उसका वजन किया ताकि ये पता लग सके कि कितना लिक्विड फैला है। इस डेटा को डॉग मॉडल के साथ जोड़ा गया और उस एंगल का पता लगाया जिसपर सबसे कम छींटे गिरी थीं। ये एंगल 30 डिग्री था। इसी आधार पर यूरिनल का नया डिज़ाइन तैयार किया गया है। 

टॉयलेट में यूरिनल आयताकार होते हैं। ये नया डिज़ाइन गहरा और लंबा था ताकि लंबे व्यक्ति को भी 30डिग्री का एंगल मिल सके। इस नए यूरिनल का आकार नॉटिलस शेल की तरह है इसलिए टीम ने इसे नौटी-लू नाम दिया है।  सामान्य यूरिनल की तुलना में पेपर टॉवल टेस्ट में इस नए डिज़ाइन के यूरिनल ने 50 गुना कम छींटे आए थे। 

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